धन्य-धन्य भारत हमारा,
धन्य हमारी धरती।
बनी रहे हरियाली इसकी,
यही हमारी भक्ति।।
असुर कोरोना बनकर आया,
जांचने हमारी शक्ति।।
डटे रहो हे भारत वासी,
दिखा दो अपनी शक्ति।।
असुर न मानते हार शीघ्र,
यह है उनकी नीति।।
गिरते-उठते लड़ते रहते,
अन्त समय तक नीच।।
दिन बीते, राते बीती,
बित गए मास अधिक।।
अभी करोना कदम बढ़ाता,
बनकर हठी अधीर।।
अन्त समय है इसका आया,
जानो भारत-वीर।।
देव-भूमि भारत की धरती,
जन-जन में देवों की शक्ति।।
यहाँ न किसी की दाल गलेगी,
चाहे कोरोना वीर।।
धन, धर्म, धरती पर संकट,
लाया कोरोना भारी,
डटे रहो हे भारतवासी,
तुम हो वीर सपूत।।
जीत तुम्हारी निश्चित होगी,
यह है, मेरी वाणी।
इतिहास में लिखी जाएगी
तेरी अमर कहानी।।
कवि श्री केदार नाथ भारती