बिहार में मुख्य विपक्षी गठबंधन यानी आरजेडी-कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर खींचतान नाजुक मोड़ पर पहुंच गई है. उच्च सूत्रों के मुताबिक सीट बंटवारे को लेकर आरजेडी के रवैये से कांग्रेस खफा है और आरजेडी के बिना गठबंधन की संभावना तलाशने में जुट गई है. वहीं कांग्रेस के रुख में आए बदलाव को भांपते हुए आरजेडी उसे हठधर्मिता छोड़ने की नसीहत दे रही है।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस गठबंधन में 75 से 80 सीटें चाहती है, जबकि आरजेडी उसके लिए 60 से 65 सीटें छोड़ना चाहती है. बिहार में लोकसभा की एक सीट पर उपचुनाव भी है, जिस पर कांग्रेस का दावा है. 10 से 15 सीटों को लेकर फंसा पेंच सुलझने की बजाय उलझता जा रहा है. कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि इस बार वह दबाव में झुकने को तैयार नहीं है, क्योंकि उसके पास खोने को कुछ भी नहीं है. ‘सम्मानजनक’ सीटें नहीं मिलने पर कांग्रेस सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का होमवर्क करके बैठी है।
मनोज झा ने कहा कि वामदलों समेत दूसरे दलों को आरजेडी ने अपने हिस्से से सीटें दी. कांग्रेस से अपील करते हुए उन्होंने कहा, “हठधर्मिता से नुकसान ना हो जाए. हठधर्मिता गठबंधन पर भारी ना पड़ जाए. बदलाव का इंतजार कर रहे लोगों को मायूसी हाथ ना लगे।