LAC पर पिछले पांच महीने से चीन से चल रहे टकराव के बीच मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य में एक मजबूत वायुसेना की बेहद आवश्यकता है. ये कहना है वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया का. भदौरिया आज राजधानी दिल्ली के करीब हिंडन एयरबेस पर वायुसैनिकों को संबोधित कर रहे थे. मौका था 88वें वायुसेना दिवस का.
वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के मुताबिक, युद्ध के सभी ‘स्पेक्ट्रम’ में लड़ने के लिए एक सशक्त वायुसेना की सख्त आवश्यकता है. इसलिए इस दशक (2020-30) के लिए भारतीय वायुसेना का विजन है अपनी युद्धक-क्षमताओं को लगातार बढ़ाना ताकि हर क्षेत्र में एयरफोर्स का वर्चस्व हो.
आरकेएसभदौरिया ने इस मौके पर वायुसैनिकों की सराहना करते हुए कहा कि हाल ही में नार्दन-फ्रंटियर पर चल रहे स्टैंड-ऑफ (चीन सीमा पर टकराव) के दौरान जिस तरह से थलसेना के साथ मिलकर वायुसेना ने त्वरित कारवाई की वो बेहद ही काबिले-तारीफ है|
आरकेएस भदौरिया ने कहा कि इस दौरान हमने साफ तौर से अपनी युद्ध-क्षमताओं के साथ साथ जरूरत पड़ने पर दुश्मन से लोहा लेना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करके दिखाया है. आपको बता दें कि सोमवार को ही वायुसेनाध्यक्ष ने कहा था कि वायुसेना टू-फ्रंट वॉर यानि चीन और पाकिस्तान से एक साथ मोर्चा लेने के लिए पूरी तरह तैयार है|
हाल ही में चीन से टकराव के दौरान जिस तरह वायुसेना ने बेहद तेजी से अपने फ्रंटलाइन एयरक्राफ्ट्स रफाल, सुखोई, मिग29, मिराज-2000 और तेजस को तैनात किया और अपने ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स (सी-17 ग्लोबमास्टर, सी130 जे सुपरहरक्युलिस, आईएल-76 और चिनूक हेलीकॉप्टर्स) से सैनिकों और सैन्य साजो सामान को चीन सीमा के करीब पहुंचाया उससे चीन भी भौचक्का रह गया था|