चुनावी सरगर्मियों के बीच राम मंदिर निर्माण का मुद्दा एक बार फिर सियासी बयानों का हिस्सा बन रहा है. इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की बात कहने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथी और उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उनसे एक कदम आगे बढ़कर बयान दिया है. मौर्य ने राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कहा है कि अगर कोई विकल्प नहीं बचता है, तो केंद्र सरकार इसके लिए सदन में कानून ला सकती है.
हालांकि, मौजूदा वक्त में संसद के दोनों सदनों में बहुमत न होने का हवाला देते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने चुनावी संकेत भी दे दिए. मौर्य ने कहा, ‘राम मंदिर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इस पर लगातार सुनवाई चल रही है. हमें आशा है कि जल्द ही इस पर फैसला आएगा.’
केशव प्रसाद मौर्य ने संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के पास बहुमत न होने का हवाला देते हुए ये भी कहा कि अभी राम मंदिर निर्माण के लिए वह कानून नहीं ला सकते हैं क्योंकि उसे राज्यसभा से केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, इस मामले में दो विकल्प हैं. दोनों समाप्त होने के बाद हम तीसरे विकल्प पर हम जाएंगे. अगर उसके पहले हम तीसरे विकल्प पहुंचते हैं तो कांग्रेस विरोध करेगी, क्योंकि वह कोर्ट में भी हमारा विरोध कर रही है. हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द कोर्ट से फैसला हो जाए या आपसी सहमति से बात बन जाए. संख्या बल हमारे पास अभी कम है. राम मंदिर हमारी आस्था का विषय है यह कोई पॉलिटिकल स्टंट नहीं है. हमारे पास तीसरा विकल्प संसद से कानून बनाने का मौजूद है.पास कराने में मुश्किल आएगी.