नई दिल्ली: वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का देर रात 95 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्हें खराब सेहत की शिकायत के बाद दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. आज दोपहर एक बजे लोधी रोड पर स्थित घाट में अंतिम संस्कार होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस और कई पत्रकारों ने नैयर के निधन पर दुख जताया है. पीएम मोदी ने कहा कि नैयर ने इमरजेंसी के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाई थी. वो हमारे समय के बड़े बुद्धिजीवी थे.
कुलदीप नैयर काफी दशकों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय थे. उन्होंने कई किताबें भी लिखी थीं. आपको बता दें कि कुलदीप नैयर ने अपने करियर की शुरुआत बतौर उर्दू प्रेस रिपोर्टर की थी. वह समाचार पत्र द स्टेट्समैन के संपादक भी रह चुके थे. पत्रकारिता के अलावा वह बतौर एक्टिविस्ट भी कार्यरत थे. इमरजेंसी के दौरान कुलदीप नैयर को भी गिरफ्तार किया गया था.
कुलदीप नैयर का जन्म 14 अगस्त 1924 में सियालकोट में हुआ था. कुलदीप नैयर ने लॉ की डिग्री लाहौर में ली थी. उन्होंने यूएसए से पत्रकारिता की डिग्री ली और दर्शनशास्त्र से पीएचडी की.
उन्होंने भारत सरकार के प्रेस सूचना अधिकारी के पद पर कई सालों तक काम किया. इसके बाद वो यूएनआई, पीआईबी, द स्टैटसमैन और इंडियन एक्सप्रेस के साथ लंबे समय तक जुड़े रहे. वह 25 सालों तक ‘द टाइम्स लंदन’ के संवाददाता भी रहे. वह शांति और मानवाधिकारों को लेकर अपने रुख के लिए कारण जाने जाते हैं. उनका कॉलम ‘बिटवीन द लाइन्स’ काफी चर्चित रहा, जिसे 80 से ज्यादा अखबारों ने प्रकाशित किया था.