नोएडा, 8 अक्टूबर, सूर्या संस्थान द्वारा, इंदिरा गाँधी कला केंद्र नोएडा में श्री भाग्येन्द्र पटेल द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक ‘जीवन ही संदेश’ का मंचन कराया गया l नाटक अपने नाम के अनुरूप संदेश देने में सफल रहा l इसमें स्वतंत्रता संग्राम के दृश्य न होने से कुछ दर्शकों को कुछ अटपटा लगा किंतु ‘स्वतंत्रता संग्राम में गांधी की भूमिका’ यह इस नाटक का विषय ही नहीं था l विषय था ‘मेरा जीवन ही मेरा संदेश’ अर्थात मैंने क्या क्या कैसे सीखा अथवा जीवन जीने की मेरी स्वभाविक प्रवृति क्या थी l अंधविश्वास, जैसे उन्होंने कहा किसी महात्मा के चरण धोकर उस पानी के पीने से रोग दूर नहीं हो सकता l अध्यापक के कहने के बावजूद अनैतिक होने के कारण कक्षा में किसी सहपाठी नक़ल न करना l किसी को सच बताने पर उसके द्वारा सच को झूठ बताये जाने पर अपने प्रबंधन की गलती मानना l गलतियां हर किसी से होती हैं किंतु गलती होने पर उसका प्रंबंधन कैसे किया जाए, किसी को पता न लगा तो चुप रहा जाए, पता लग जाए तो साफ़ झूठ बोल दिया जाए कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं, हंस कर टाल दिया जाए, आधी अधूरी बात बता कर माफ़ी मांग ली जाए या पश्चाताप कर सारी बात बता कर भविष्य में गलती न करने की प्रतिज्ञा की जाएl गाँधी ने अपनी स्वभाविक प्रवृति के अनुसार अंतिम विकल्प को चुना l विलायत जाने न जाने की उहापोह में माता को विलायत में रह कर जिन तीन व्यसनों के लगने की आशंका थी l उन तीनों व्यसनों से बचे रहने की प्रतिज्ञा करना और उसका पालन करना, माता को भी विश्वास होजाना कि प्रतिज्ञा होगई तो पक्का समझो कि मोहन का उन व्यसनों से बचना सुनिश्चित होगया l किसी दूसरे को केवल मारना ही नहीं उसे दुखी करना भी हिंसा ही है l आदि आदि प्रसंगों से संबंधित घटनाओं का जीवंत मंचन किया गया l नाटक देख कर निश्चित रूप से कहा जा सकता है लेखक-निर्देशक नाटक के शीर्षक ‘जीवन ही संदेश’ के अनुरूप ही महात्मा गाँधी के आदर्शों को दर्शकों के समक्ष लाने में सफल रहे हैं l कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्य अतिथि, उ. प्र. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विमला बाथम ने कहा कि इस प्रकार के नाटक सभी स्कूलों में दिखाए जाने चाहियें l सूर्या संस्थान की अध्यक्ष शीला झुनझुनवाला और उपाध्यक्ष डॉ. रामशरण गौड़, अध्यक्ष दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड ने भी इन आदर्शों को महात्मा गाँधी के इस जयंती वर्ष में जन जन तक पहुँचाने का आह्वान किया l
जीवन ही संदेश’ नाटक से दिया बापू के आदर्शों का संदेश
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