11 दिसंबर से शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, इससे पहले 10 दिसंबर को विपक्षी पार्टियों ने एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में शीतकालीन सत्र की रणनीति पर मंथन किया जाएगा. विपक्ष की ये बैठक संसद भवन में ही होगी. सूत्रों का कहना है कि जिस प्रकार भारतीय जनता पार्टी राम मंदिर के मुद्दे पर आक्रामक है. उसी को देखते हुए विपक्षी पार्टियां अपनी रणनीति तैयार कर रही हैं. बैठक में यह भी विचार होगा कि अगर इस मुद्दे पर अध्यादेश लाया जाता है तो उनका क्या रुख होगा. लेफ्ट नेता डी. राजा ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि हम इस बैठक में राम मंदिर मुद्दे पर भी चर्चा करेंगे. जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो इस पर अध्यादेश लाने की बात कैसे हो सकती है. भारत एक सेकुलर देश है, तो सरकार इस पर अध्यादेश कैसे ला सकती है? उन्होंने कहा कि बीजेपी को इस मुद्दे पर अपनी बात साफ करनी चाहिए. आपको बता दें कि लेफ्ट पार्टियां 6 दिसंबर को संविधान बचाओ प्रदर्शन भी करने वाली हैं. संयुक्त विपक्ष की इस बैठक में राम मंदिर के अलावा अन्य चार मुद्दों पर भी बात होगी. इसमें किसान, नौकरी, राफेल और संस्थाओं को कमजोर करने का मुद्दा भी उठाया जाएगा. एक शीर्ष कांग्रेस नेता के अनुसार, राफेल डील में कई सबूत सामने आ गए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री खामोश हैं. हम इस सेशन में भी इसपर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी जांच की मांग करेंगे.
दिल्ली में विपक्ष की बड़ी बैठक
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