गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग जांच से जुड़ी सामग्री पर सुप्रीम कोर्ट ने गूगल माइक्रोसॉफ्ट और याहू को लगाई कड़ी फटकार
गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग जांच से जुड़ी सामग्री पर सुप्रीम कोर्ट ने गूगल माइक्रोसॉफ्ट और याहू को कड़ी फटकार लगाई है कोर्ट ने तीनों कंपनियों से ऐसी सामग्री की पहचान और उसे हटाने के लिए व्यवस्था बनाने को कहा है
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट सर्च इंजनों को इस तरह के विज्ञापन और सामग्री हटाने का आदेश दे चुका है कोर्ट ने कई सर्च की वर्ड ब्लॉक करने को भी कहा था लेकिन आज सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने शिकायत की कि इंटरनेट कंपनियां कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं
सॉलिसिटर जनरल ने अपने मोबाइल पर कुछ की वर्ड डालकर नतीजा कोर्ट को दिखाया इस पर जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने गहरी नाराज़गी जताई कोर्ट ने कहा कि ये कंपनियां भारत में काम कर रही हैं लेकिन भारत के कानून का सम्मान नहीं करती हैं।
गूगल की तरफ से पेश वकील ने दावा किया कि पहले ही काफी आपत्तिजनक सामग्री हटाई जा चुकी है बाकी कंपनियों ने भी कहा कि वो भारत के कानूनों का सम्मान करती हैं कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से पालन करने के कोशिश की जा रही है
इसके बाद कोर्ट ने कहा कि सभी कंपनियां अपने यहां आंतरिक एक्सपर्ट पैनल बनाएं ये पैनल गलत सामग्री की पहचान और उसे हटाने का काम करे कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 11 अप्रैल तय की है
सुप्रीम कोर्ट में साबू मैथ्यू जॉर्ज नाम के सामाजिक कार्यकर्ता ने इस मसले पर जनहित याचिका दाखिल कर रखी है याचिका में कहा गया है कि भारत में गर्भ में बच्चे के लिंग जांच की मनाही है इसके बावजूद इंटरनेट पर तमाम ऐसे विज्ञापन और सामग्री मौजूद हैं जिनमें लोगों को भ्रूण के लिंग जांच की सुविधा मुहैया कराई जा रही है