जिलाउल हक की हत्या मामले के एक गवाह की संदिग्ध मौत को लेकर मामला दर्ज
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ पुलिस अधिकारी जिलाउल हक की हत्या मामले के एक गवाह की संदिग्ध मौत को लेकर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
मामले में राजा भैया के साथ उनके चचेरे भाई और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अक्षय प्रताप सिंह और पांच अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। राजा भैया ने विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से जीत दर्ज की है।
योगेंद्र यादव (नन्हे यादव) के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर राजा भैया सवालों के घेरे में थे। शुरुआती दौर में सीबीआइ ने उनसे कोई पूछताछ भी नहीं की। पर अभी हाल में दो दिनों तक लगातार उनसे लंबी पूछताछ चली। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ को न तो राजा भैया के खिलाफ कोई साक्ष्य मिला और न ही पूछताछ में कोई ऐसा तथ्य निकला, जिससे उनकी घेरेबंदी हो।
यह अलग बात है कि नन्हे की हत्या के आरोप में राजा भैया के करीबी संजय प्रताप सिंह और राजीव प्रताप सिंह पर सीबीआइ का शिकंजा कस गया है। सीबीआइ ने साक्ष्यों के आधार पर हत्या के षड्यंत्र में इनकी भूमिका मानी। पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि इस मामले में मृतक के चाचा सुधीर कुमार यादव ने ऊंचाहार कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया