मुस्लिम समाज के लोग केसरिया रंग की ईंट और हरे रंग की ईंट के साथ एक सफ़ेद रंग के कपडे के साथ दिया शांति का संदेश
अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए अब मुस्लिम समाज भी के लोग भी आगे आ गये है इतना ही नहीं की वो सिर्फ राम मंदिर पर बाते बनाने के लिए आगे नहीं आये बल्कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का जल्द निर्माण हो उसके लिए वो केसरिया रंग की ईंट भी साथ लेकर आये है हैरानी की बात यह है की जहां यह मुस्लिम राम मंदिर के लिए ईंट लेकर आये है वो क्षेत्र पूरी तरह से मुस्लिम बहुल है
बात यही ख़त्म नहीं होती जिस कार्यक्रम में यह लोग ईंट लेकर पहुंचे है वो कार्यक्रम रूड़की के पास कलियर शरीफ में आयोजित किया गया है जहां पर देश विदेश में प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक है और इस कार्यक्रम का आयोजन भी किसी और ने नहीं बल्कि आर एस एस के मुस्लिम राष्ट्रीय संघ ने किया है कार्यक्रम में भव्य राम मंदिर के लिए केसरिया ईंट लेकर पहुंचे मुस्लिम समाज के लोगो ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पदाधिकारियों को ये ईंट सौंपी और कहा की जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर का निर्माण हो
दरअसल रूड़की के कलियर शरीफ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से दो दिवसीय केंद्रीय सभा का आयोजन किया गया है जिसमे इस मंच से जुड़े देशभर कार्यकर्ता पहुँच रहे है इसी कार्यक्रम में कुछ मुस्लिम समाज के लोग केसरिया रंग की ईंट और हरे रंग की ईंट के साथ एक सफ़ेद रंग का कपडा लेकर पहुंचे जब उनसे इनको लाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया की दो रंग कपडे में लिपटी हुई ईंटे हमारे पास है जिनमे एक केसरिया रंग है जो शौर्य का प्रतीक है और दूसरा हरा है जो खुशहाली का प्रतीक है
इसमें एक कपडा सफ़ेद रंग का है जो अमन का प्रतीक है यही हमारा तिरंगा है हम यह चाहते है की जो केसरिया रंग में लिपटी हुई ईंट है जिससे अयोध्या में भव्य राम मंदिर का ऐतिहासिक निर्माण होना चाहिए और एक हरे रंग में लिपटी ईंट है जिससे एक मस्जिद का निर्माण हो जिसे मेरे हिन्दू भाई करे हम लोग अमन चाहते है और जिस जमीन पर हम खड़े है यह पीरो की जमीन है हम चाहते है की यह खूबसूरत तहजीब पूरी दुनिया में जाए और अमन का पैगाम पहुंचाए।
इस केंद्रीय सभा में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार भी पहुंचे उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए तीन तलाक पर कहा की तीन तलाक खुदा की नजर में नबी और पैगम्बर की नजर में गुनाह है नबियो में से किसी ने भी कभी किसी बीवी को तलाक नहीं दिया है आजकल के तीन तलाक को कुरआन शरीफ से कोई मान्यता नहीं है ये सब चीजे रूकनी चाहिए ।