लीला सेठ ने कानून के क्षेत्र में कई इतिहास रचे थे। वह लंदन बार परीक्षा में पहला स्थान हासिल करने वाली पहली महिला थीं।
दिल्ली हाईकोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश लीला सेठ का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। शुक्रवार की रात आखिरी सांसें लेने वाली लीला सेठ ने पांच वर्ष पहले देश में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा अपराधों के लिए सख्त कानून तैयार करने में अहम भूमिका अदा की थी।
उनके परिवार के एक सदस्य ने बताया कि लीला सेठ का शुक्रवार की रात करीब 10.30 बजे हृदयगति रुकने से निधन हुआ। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रहीं लीला सेठ के परिवार में उनके पति, दो बेटे और एक बेटी हैं।
लीला सेठ के बेटों में विक्रम सेठ जाने-माने साहित्यकार हैं। लीला सेठ दिल्ली गैंग रेप (2012) मामले में अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए गठित जस्टिस जेएस वर्मा कमेटी की भी सदस्य रहीं।
लीला सेठ की मृत्यु पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने संदेश में कहा, ‘‘न्यायमूर्ति लीला सेठ के निधन से दुखी हूं। कानून के क्षेत्र में उनका उल्लेखनीय योगदान याद रखा जाएगा। मेरी संवेदनाएं।’’ गौरतलब है कि सेठ का 86 वर्ष की उम्र में नोएडा स्थित अपने आवास में बीती रात निधन हो गया।