मानसी गुलाटी, जिन्हें प्यार से लेडी रामदेव बाबा के नाम से जाना जाता है, इस योग शिविर के साथ ही भारतीय स्मारकों को बचाने के लिए जागरूकता फैलाने के लिए अपना अभियान शुरू किया है।
‘मिसेज इंडिया इंटरनेशनल 2015’ मानसी गुलाटी ने 9 अगस्त को कुतुब मीनार में बच्चों के साथ एक विशाल योग सत्र का आयोजन किया। इस योग सत्र के आयोजन का उद्देश्य भारतीय स्मारकों को बचाने के लिए जागरूकता फैलाना था। मानसी गुलाटी, जिन्हें प्यार से लेडी रामदेव बाबा के नाम से जाना जाता है, इस योग शिविर के साथ ही भारतीय स्मारकों को बचाने के लिए जागरूकता फैलाने के लिए अपना अभियान शुरू किया है। इसके तहत 1 सितंबर को दिल्ली के लालकिला में मेगा योग सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें राष्ट्र को “भारतीय स्मारकों कोबचाओ” जैसा संदेश दिया जाएगा।
भारतीय संस्कृति, अपनी विरासत और उसके स्मारकों के महत्व के साथ स्वस्थ जीवन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण स्मारकों पर पूरे देश में कई और अधिक योग सत्र आयोजित किए जाएंगे।
स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने अपने ‘आसन प्राणायाम’ में कहा था- “योग एक प्राचीन मिथक नहीं है, जिसे विस्मृत किया गया है। यह वर्तमान का सबसे बहुमूल्य विरासत है। यह आज की जरूरी आवश्यकता है और कल की संस्कृति है।” योग है एकता के साथ सही जीवन का विज्ञान। यह विचारों, भावनाओं और कार्यों के बीच एकीकरण और सामंजस्य स्थापित करता है।
अंतरराष्ट्रीय योग प्रशिक्षक एवं ‘मिसेज इंडिया इंटरनेशनल 2015’ मानसी गुलाटी करीब डेढ़ दशक से योग के क्षेत्र में काम कर रही हैं और उन्होंने ‘फेस योग’ की एक अवधारणा विकसित की है, जो विभिन्न इंसानों के ऊपरी कंधों के लिए एक प्राकृतिक व्यायाम एवं योग अभ्यास है। मानसी देश के विभिन्न स्थानों पर व्याख्यान, कार्यशालाओं और शिविरों का आयोजन कर रही हैं और सांस्कृतिक संसाधन और प्रशिक्षण, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सरकार के आयुष एवं केंद्र के साथ समन्वय बनकर योग के क्षेत्र में काम कर रही हैं।
उन्होंने तेलंगाना राज्य पुलिस अकादमी, हैदराबाद में सैन्य प्रतिष्ठानों और विशाखापत्तनम में पूर्वी नौसेना कमान पर भी कार्यशालाएं की हैं। वह कई भारतीय जेलों, विश्वविद्यालयों और स्कूलों में योग प्रशिक्षण दे रही हैं और कैदियों के लिए योग सत्र भी आयोजित किए हैं।
‘मानसी गुलाटी कहती हैं, “मैं पूरे देश में ऐतिहासिक स्थलों पर योग सत्र आयोजित करने की तैयारी कर रही हूं। 9 अगस्त को इसकी शुरुआत दिल्ली में कुतुब मीनार पर हुआ, जिसके बाद 1 सितंबर को लालकिला पर योग सत्र होगा। मैं आयुष मंत्रालय के सहयोग से इन कार्यक्रमों का आयोजन कर रही हूं और योगा सत्रों के लिए ऐतिहासिक स्थलों का इस्तेमाल करने के लिए भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण के साथ समन्वय स्थापित कर रही हूं। उन्होंने कहा, “मेरा उद्देश्य स्वस्थ जीवन का संदेश और भारतीयों स्मारकों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता फैलाना है। साथ ही सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों पर योग शिविरों का आयोजन करके पर्यटन को बढ़ावा देना भी एक उद्देश्य है।”