नई दिल्ली: सीबीएसई पेपर लीक मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने CBSE के एग्जामिनेशन कंट्रोलर को समन किया. चार घंटे तक पूछताछ की है. बताया जा रहा है कि CBSE परीक्षा को लेकर किस तरह के सिक्योरिटी फ़ीचर्स अपनाती है. पेपर की प्रिंटिंग कहां होती है? एग्जामिनेशन सेंटर तक पेपर कैसे भेजे जाते हैं? लीक की ख़बर मिलते ही CBSE ने क्या क़दम उठाए?
इसके अलावा पुलिस सूत्रों का कहना है कि करीब 1,000 छात्रों को लीक पेपर मिले. पहले लीक पेपर के लिए 35,000 रुपये लिए गए थे. बाद में कुछ अभिभावकों ने इसे 5,000 रुपये में दूसरे को बेचा. पूछताछ में ही दिल्ली पुलिस ने पेपर से जुड़ी सारी जानकारियों के बारे में पूछताछ की. इनमें प्रिंटिंग, ट्रांसपोर्ट, एग्जाम बुकलेट की सुरक्षा आदि से जुड़े सवाल भी शामिल थे. कहा जा रहा है कि करीब 1000 स्टूडेंट्स तक लीक हुआ पेपर पहुंच गया था.
गौरतलब है कि सीबीएसई के पेपर लीक होने से पूरे देश में हड़कंप-सा मच गया है. देशभर में कई जगह स्टूडेंट्स प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं इस मामले में क्राइम ब्रांच भी जांच कर रही है. इस बीच सीबीएसई परीक्षाओं को दोबारा करवाने की तैयारी में जुट गया है.सीबीएसई पेपर लीक मामले ने एक बार फिर से देश की परीक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिये हैं. सीबीएसई ने बुधवार को घोषणा की थी कि पेपर लीक के मद्देनजर 10वीं की गणित की परीक्षा और कक्षा 12वीं की अर्थशास्त्र की परीक्षा दोबारा ली जाएगी.
पहली बार इस मामले पर सीबीएसई अध्यक्ष अनीता करवाल ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. सीबीएसई अध्यक्ष अनीता करवाल ने कहा है कि हमने यह फैसला छात्रों के पक्ष में लिया है. हम उनकी बेहतरी के लिए लगातार काम कर रहे हैं. परीक्षा के तारीखों की जल्द ही घोषणा की जाएगी.
इससे पहले इसी मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं अभिभावकों और विधार्थियों के दर्द को समझ सकता हूं. मैं भी नहीं सो सका, मैं भी एक अभिभावक हूं. इस पेपर लीक मामले में जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.