विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह बगदाद वायुसेना के विशेष विमान सी 17 ग्लोबमास्टर में 39 भारतीयों के अवशेष लेकर सोमवार को भारत वापस लौट रहे हैं. ये विमान सबसे पहले करीब 1:30 बजे अमृतसर में लैंड करेगा, जहां पर पंजाब और हिमाचल के मारे गए लोगों के शव और अवशेष उनके परिजनों को सौंपा जाएंगे.इस विमान का अगला पड़ाव कोलकाता होगा, जहां पर करीब 3:30 बजे विमान पहुंचेगा. कोलकाता और उसके आसपास रहने वाले परिजनों को उनके अवशेष सौंपे जाएंगे. इसके बाद विशेष विमान पटना के लिए उड़ान भरेगा, जहां पर शाम करीब 5:30 बजे इराक से आए अवशेष उनके परिजनों को सौंपा जाएंगे. फिर विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह वापस दिल्ली में पालम एयरपोर्ट पर लैंड करेंगे.
सोमवार को बगदाद में इन भारतीयों के शव और अवशेष लेते समय वीके सिंह ने खुद अवशेषों को ताबूत में पैक किया. उसके बाद ताबूत अपने हाथ से उठाकर जहाज के अंदर रखे. खास तरह के ताबूत में इन अवशेषों को रखा गया है, हालांकि परिजनों को यह भी हिदायत दी गई है कि वह ताबूतों को न खोलें क्योंकि उनके शव के कुछ अवशेष ही बचे हुए हैं.
जनरल वीके सिंह के लिए यह क्षण बहुत ही भावुक था क्योंकि वह शुरुआत से ही इन भारतीयों को ढूंढने के मिशन से जुड़े रहे हैं. इराक के मुश्किल हालात में भी उन्होंने कई बार वहां पर जाकर इन भारतीयों की खोज की. मुश्किल हालात के बीच तमाम चुनौतियों से जूझते हुए जनरल वीके सिंह कई बार इराक के मोसुल और बदुश शहरों में गए और इन भारतीयों की को ढूंढने में उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.
रविवार को बगदाद पहुंचने पर जब वह खुद इन भारतीयों के ताबूत वायुसेना के विशेष विमान में रख रहे थे , तो उन्होंने कहा कि उनके लिए यह बहुत भारी क्षण है क्योंकि कुछ जिम्मेदारियों का बोझ काफी ज्यादा होता है. सिंह ने एक वीडियो भी पोस्ट किया है, जिसमें वे ताबूत विमान पर रखाते नजर आ रहे हैं.
इस महीने की शुरुआत में स्वराज ने संसद को बताया था कि जून, 2014 में इराक के मोसुल में आतंकी संगठन आईएसआईएस ने 40 भारतीयों का अपहरण कर लिया था. इनमें से एक हालांकि खुद को बांग्लादेशी मुसलमान बचाकर वहां से बच निकला था. उन्होंने बताया था कि बाकी 39 भारतीयों को बादूश ले जाया गया और उनकी हत्या कर दी गई.
विदेश मंत्री द्वारा सदन को इस बात की जानकारी दिए जाने के बाद देश की राजनीति में हंगामा खड़ा हो गया. विपक्षी दलों ने सरकार पर इस मामले में पीड़ित परिजनों के साथ देश को गुमराह करने के आरोप लगाए थे. आईएसआईएस आतंकियों ने भारतीयों का अपहरण करके बदूश शहर में उनकी हत्या की थी और वहीं एक टीले में शवों को दफना दिया गया था. इराक सरकार ने भारत को एक टीले में कुछ दबे होने के बारे में बताया था. इसके बाद भारत ने एक रडार की मदद से टीले में शव होने की पुष्टि की. शवों की पुष्टि होने के बाद विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने खुद बदूश में डेरा डाला और अपने सामने ही शवों की खुदाई करवाकर उनके डीएनए की जांच कराई.