विलक्षण प्रतिभा के धनी भीमराव बेहद निर्भीक थे. आज उनकी जयंती पर जानिए उनके बारे में और कैसे देश में मनाई गई आंबेडकर जयंती.
देश भर में 14 अप्रैल को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती मनाई जा रही है. इस खास मौके पर आज जगह-जगह कार्यक्रम हो रहे हैं. डॉ. भीमराव आंबेडकर ने कबीरपंथी परिवार में जन्म लिया था. अपनी 127वीं जयंती के मौके पर भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितना संविधान के निर्माण के बाद और दलितों के संघर्ष के दौरान थे. विलक्षण प्रतिभा के धनी भीमराव बेहद निर्भीक थे.
वे न चुनौतियों से डरते थे, न झुकते थे. लड़ाकू और हठी आंबेडकर ने अन्याय के आगे झुकना तो जैसे सीखा ही न था. जीवन के सभी संघर्षों से लड़ते हुए वे आजाद भारत के संविधान निर्माण के वक्त उसकी प्रारूप समिति के अध्यक्ष बनें और अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए वे ‘संविधान निर्माता’ कहलाए. आज उनकी जयंती पर जानिए उनके बारे में और कैसे देश में मनाई गई आंबेडकर जयंती.
महान दलित की चिंता करने वाले अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके विचार और अच्छे काम आज भी लोगों के लिए प्रेरणा दायक हैं. बाबासाहेब की कही बातें आज के जीवन में भी सटीक बैठती हैं. जीवन में बदलाव ला सकती हैं,
बता दें, डॉ. भीमराव आंबेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के महू में 14 अप्रैल सन् 1891 को हुआ था. देशभर में आंबेडकर प्रतिमाएं क्षतिग्रस्त किए जाने की हाल की कई घटनाओं के को ध्यान में रखते हुए इस बार आंबेडकर जयंती के मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
संविधान निर्माता बाबा साहेब आबंडेकर को आंबेडकर जयंती के मौके पर याद करने के लिए गुजरात के अहमदाबाद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम के दौरान निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी के समर्थक और बीजेपी नेताओं के बीच झड़प हो गई और काफी हंगामा भी हुआ.