बैंक से पैसे निकालने गई बीमार महिला की पैसे नहीं मिलने के कारण मौत हो गई.
देश के कई राज्यों में लोग कैश के संकट से जूझ रहे हैं. ना ही बैंकों में पैसे हैं और ना ही एटीएम में कैश नहीं है. जिससे आमजन को बहुत परेशानी हो रही है. वहीं बिहार के रुपौली से में इलाज के लिए बैंक से पैसे निकालने गई बीमार महिला की पैसे नहीं मिलने के कारण मौत हो गई.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले चार दिनों से रूपौली के मैनी संथाल टोला की रहने वाली नूरजहां खातून बैंक से पैसे निकालने के लिए चक्कर काट रही थी. बैंक के बाहर गुरुवार को वह अपनी बारी का इंतजार कर रही थी.
लम्बे इंतजार के बाद महिला ने दम तोड़ दिया. इस घटना से नाराज परिजनों ने हाइवे पर विरोध कर के लगा दिया. नूरजहां की बहू रौशन ने बताया कि उनकी सास चार दिनों से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के चक्कर लगा रही थी, लेकिन बैंक में कैश ना होने के कारण उन्हें लौटा दिया जाता था.
रौशन ने कहा हमें उनके इलाज के लिए पूर्णिया जाना था. यही कारण था की वो बार-बार पैसा निकालने के लिए बैंक के चक्कर लगा रहे थे. गुरुवार को नूरजहां के बेटे लाल मोहम्मद ने 17,000 रुपए निकालने के लिए कैशियर कृष्ण मुरारी सिन्हा से कहा तो कैशियर ने कैश की कमी का हवाला देते हुए 5000 रुपये देने की बात कही.
लेकिन लाल मोहम्मद को अपनी मां के इलाज के लिए पूर्णिया जाना था और इलाज के लिए 17 हजार रुपये की जरूरत थी. नाराज होकर लाल मोहम्मद ने पैसे लेने से इनकार कर दिया और बैंक से बाहर निकल गया. इसी दौरान बाहर ऑटो में बैठी नूरजहां की हालत बिगड़ी तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
जिसके बाद घटना से नाराज परिजनों ने मृतका के शव को सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया रूपौली शाखा के सामने रखकर जाम लगा दिया. रुपौली थानाध्यक्ष करीब डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंचे और उन्होंने मामले को शांत कराया.
मृतका नूरजहां के बेटे लाल मोहम्मद का कहना है ‘’कि कैश समय पर नहीं मिला. मुझे मां का इलाज करवाना था. हमें पिछले चार दिनों से यह कहकर वापस लौटा दिया जाता था कि कैश नहीं है. बैंक की लापरवाही से मेरी मां की मौत हुई.