इस पृथ्वी पर जीवन यापन करने के लिए जैसे पांच तत्वों जल, अग्नि, वायू,आकाश, धरती की हर समय आवश्यकता होती है, वैसे ही पांच तत्वों से निर्मित इस शरीर में उपस्थित हर चीज के बिना जीवन संभव नहीं है। शरीर में उपस्थित प्रत्येक चीज का अपना अलग महत्व है। शरीर में उपस्थित रक्त हमारे लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है। रक्त कणिकाएं का शरीर में दौड़ने से शरीर भी स्वस्थ दौड़ता है। और कई बार रक्त के अभाव में किसी व्यक्ति विशेष का जीवन भी समाप्त हो सकता है।
रक्त व्यक्ति की धमनियों में बहने वाला वह जीवन अमृत है जिसके ना होने से जीवन लीला खत्म भी हो सकती है। आज विज्ञान के युग में तकरीबन कई बिमारियों या चीज़ का विज्ञान द्वारा प्रत्येक समस्या का समाधान किया जा रहा है। लेकिन रक्त एक ऐसी चीज है जिसका निर्माण करने में विज्ञान भी फेल है। मनुष्य के शरीर में रक्त ईश्वरीय ही देन है। और अगर रक्त की कमी चलते किसी व्यक्ति का जीवन संकट में पड़ता है तो सिर्फ दुसरे किसी व्यक्ति से उस व्यक्ति के रक्त समूह से मिलता-जुलता रक्त ही उस संकटग्रस्त व्यक्ति का जीवन बचा सकता है।
वैसे तो इस धरती पर हर किसी को अपनी ही चिन्ता होती है। किसी भी व्यक्ति में इतना जिगरा नही है कि अपने खून की दो बूंद से सामने वाले की जिंदगी को बचा सके। लेकिन कहते है ना जहां बुराई है वहां अच्छाई भी मौजूद रहती है। हमेशा बुराई पर अच्छाई भारी होती है। इस धरती पर कुछ ऐसे लोग भी मौजूद है जो ना सिर्फ अपने बारे सोचते है बल्कि अपने आस-पास उपस्थित लोगों के लिए चौबीस घंटे सेवा देने के लिए तत्पर रहते है।
इसी बात को जेहन में रखते हुए पिछले दो सालों से दिल्ली के उज्ज्वल कौशिक ने अपना जीवन एक तरह से रक्तदान को समर्पित किया है। आपकों बता दे कि उज्ज्वल अब तक रक्तदान से सैकड़ों जिंदगियों को बचा चुके है।उज्ज्वल बताते है कि अपने पिता विनोद कुमार की प्रेरणा से उन्होंने रक्तदान करना शुरू किया। अब तक 9 बार रक्तदान कर चुके है और सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि उज्जवल की उम्र महज 20 साल है। उज्ज्वल ने बताया कि उनका परिवार और उनके साथी मयंक,हरीश,तुषार सुभम,प्रदीप यादव और नितेश कौशिक उनका इस काम में बहुत सपोर्ट करते है
इस रक्त दान के पूण्य के काम में वे अपने-अपने साथ अब तक बहुत लोगो को ब्लड डोनेशन करवा चुके है और कई शहरों में जाकर उज्ज्वल रक्त दान के लिए जागरूकता कार्यक्रम कर रहे है।यही नहीं उज्ज्वल ने मरने पर नेत्रदान का भी पंजीकरण कराया है। महज 20 साल की उम्र में इतना सब कुछ करने के लिए उज्ज्वल को अब तक बहुत सारी संस्थाओ ने पुरस्कार दे कर सम्मानित भी किया है
30 जून को उज्ज्वल कौशिक को कुरुक्षेत्र के निरंकारी संत्संग भवन में 181वे स्वैच्छिक रक्तदान शिविर और राष्ट्र स्तरीय सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री रॉकी मित्तल, रेलवे पुलिस उपाधीक्षक श्री शीतल सिंह धारीवाल मुख्यातिथि के रूप में पधारे और डायमंड रक्तदाता अशोक कुमार ने दिल्ली के उज्ज्वल कौशिक को रक्त सेवा पुरस्कार से नवाजा।
रक्त दान सम्मान प्राप्त कर उज्जवल कौशिक बेहद ही खुश है और साथ ही यह भी कहा कि वे अपने पूरे जीवन भर समाज की भलाई के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। समाज के लिए उज्जवल कौशिक जैसे हर वक्त तत्पर रहते है वे ना सिर्फ समाज में सकारात्मकता का परिचय देते है बल्कि समाज में उपस्थित सभी उम्र के लोगों और ख़ास कर युवाओं को एक नई दिशा, एक नई राह प्रदान कर रहे है।