नई दिल्ली: शिवसेना का पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर आक्रमण अब लगातार तेज़ होता जा रहा है. पिछले हफ़्ते ही अविश्वास प्रस्ताव के मसले पर बीजेपी के लिए फजीहत का सबब बनी इस पार्टी ने आज एक बार फिर संसद में ही सरकार पर जमकर हमला बोला.
लोकसभा में आज चर्चा तो भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन बिल पर हो रही थी लेकिन शिवसेना ने इनके बहाने मोदी सरकार पर ही भ्रष्टाचार पर लचीला रवैया अपनाने का आरोप जड़ दिया. पार्टी के सांसद अरविंद सावंत ने लोकसभा में बीजेपी के बेंच की ओर इशारा करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर बातें करना आसान है लेकिन उसपर अमल करना कठिन है. सावंत ने साफ कहा- “आपकी (बीजेपी) कथनी और करनी में बड़ा फ़र्क़ है”.
सावंत यहीं नहीं रुके. उन्होंने चुनावों को भ्रष्टाचार की जननी बताते हुए पीएम की चुनावी रैलियों पर ही सवाल खड़ा कर दिया. सावंत ने पूछा कि पीएम जो इतनी बड़ी बड़ी रैलियां करते हैं इसके लिए पैसे कहां से आते हैं. सावंत ने पूछा, आखिर इन रैलियों का खर्चा पार्टी उठाती है या सरकार?
सावंत ने कहा कि सीमा पर 600 सैनिक मारे गये, आतंकवाद कहां कम हो गया? उन्होंने कहा, ‘विचारधारा और आचरण ठीक नहीं है. केवल एक ही बात रह गयी है सत्ता, सत्ता और सत्ता. आज साम, दाम, दंड और भेद सब अपनाया जा रहा है.’ सावंत ने सभी राजनीतिक दलों में भ्रष्टाचार होने की बात को रेखांकित करते हुए कहा कि कोई भी जनप्रतिनिधि आज दावा नहीं कर सकता कि उसने चुनाव आयोग की तय पाबंदी के अंदर खर्च करके चुनाव लड़ा हो. उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों के दाखिले और चुनावों में भ्रष्टाचार पूरी तरह से व्याप्त है.
सावंत ने बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हाल ही में जितने चुनाव हुए हैं, ‘‘सत्तापक्ष दिल से कहे कि चुनाव कैसे लड़े गये.’’ उन्होंने पूछा कि आज प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों की चुनावी सभाओं का खर्च कौन करता है? पार्टी करती है या देश के खजाने से खर्च किया जाता है? शिवसेना सांसद ने कहा कि पार्टी के प्रचार के लिए देश के खजाने का पैसा खर्च करना बहुत अनुचित है. सरकार में सहयोगी दल के सांसद ने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘पहले इन्होंने यह सब किया और आज हम (सरकार) कर रहे हैं.’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भी अगर चुनाव लड़ें तो उन्हें पद से इस्तीफा देकर सांसद के रूप में चुनाव में जाना चाहिए. सावंत ने आरोप लगाया कि राज्यसभा और विधान परिषदों में पार्टियां पैसे लेकर धनी लोगों को भेजती हैं. यही तो भ्रष्टाचार है. हालांकि सावंत ने विधेयक का स्वागत करते हुए कहा कि सही से इसे लागू किया गया तो भ्रष्टाचार के खिलाफ रोकथाम में फायदा होगा.