अहमदाबाद: साल 2015 में हुए मेहसाणा दंगा मामले में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को दो साल की सजा सुनाई गई है. निचली अदालत ने उन्हें ये सजा सुनाई है. पाटीदार अनामत आंदोलन के दौरान 23 जुलाई, 2015 को विसनगर के बीजेपी विधायक ऋषिकेश के दफ्तर में तोड़फोड़ हुई थी. इस मामले में हार्दिक पटेल सहित तीन लोगों को दोषी पाया गया है. विसनगर जिला सेशंस कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि दंगा फैलाने के मामले में हार्दिक पटेल, लालजी पटेल और अंबालाल पटेल दोषी ठहराए जाते हैं. तीनों को दो-दो साल की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा तीनों पर 50-50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.
हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर कहा है, ”किसी भी मुश्किल को उसके बनाये गए लेवल पर हल नहीं किया जा सकता, उस मुसीबत को उस लेवल से ऊपर उठने पर ही हल किया जा सकता है. इंक़लाब ज़िंदाबाद.”
बता दें कि साल 2015 से आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समुदाय हार्दिक पटेल के नेतृत्व में गुजरात में जगह-जगह आंदोलन कर रहा है. गुजरात में कड़वा, लेउवा और आंजना तीन तरह के पटेल हैं. आंजना पटेल ओबीसी में आते हैं. जबकि कड़वा और लेउवा पटेल ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे हैं.
हार्दिक पटेल गुजरात में पटीदार आंदोलन के बड़े युवा नेता हैं. पाटीदार समुदाय ओबीसी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण चाहते हैं. हार्दिक पटेल का जन्म 20 जुलाई 1993 में चन्दन नगरी गुजरात में हुआ था. हार्दिक साल 2011 में सरदार पटेल समूह से जुड़े थे. इसके बाद हार्दिक ने साल 2015 में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति का निर्माण किया था, जिसका लक्ष्य अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल होना था.