नई दिल्ली।
“प्रवासी सहेजते हैं अपने संस्कारों को
अपनी संस्कृति को बनाकर आचरण।
विदेशों में बिखेरते हैं भारत की खुशबू”
इस खुश्बू में मिट्टी की सौंध बढ़ती रहे इसी आशा को विदेश और देश के प्रवासी भारतीयों की नई पौध को
मंच प्रदान करने और उन्हें सम्मान करने का संकल्प लिया है , पाॅजिटिव मीडिया फैमिली के साथियों ने।
राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस और आरजेएस पॉजिटिव मीडिया के संयुक्त तत्वावधान में दिल्ली स्थित आइएनएस कॉन्फ्रेंस हॉल में
भारत के अंदर और बाहर रहनेवाले प्रवासी भारतीयों की नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने के लिए आरजेएस पीबीएच परिवार अपने सकारात्मक दशक में 10 सूत्रीय कार्य योजना की शुरुआत 15 जनवरी को करेगा। आरजेएस पीबीएच संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि
76 वें गणतंत्र दिवस और 18वें प्रवासी भारतीय सम्मान दिवस के अवसर पर अलग-अलग देशों में भारत का मान बढ़ानेवाले प्रवासी भारतीयों का सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर आफ्ट यूनिवर्सिटी(मारवाह स्टूडियो नोएडा) के चांसलर डा. संदीप मारवाह मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि दिल्ली स्थित अंतर राष्ट्रीय सहयोग परिषद् के निदेशक नारायण कुमार रहेंगे और कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यूयॉर्क की पत्रिका के संपादक डा.हरि सिंह पाल करेंगे। प्रथम सत्र में आरजेएस पीबीएच ऑब्जर्वर दीप माथुर, दिल्ली, प्रफुल्ल डी शेठ, बड़ोदा, राजेन्द्र सिंह कुशवाहा अतिथि संपादक, गाजियाबाद, स्वीटी पॉल, स्वागत समिति सकारात्मक भारत-उदय आंदोलन पर प्रकाश डालेंगे और धन्यवाद ज्ञापन लक्ष्मण प्रसाद मैनिफेस्टो वाॅरियर करेंगे।
दो सत्रों में आयोजित कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों के विचारों और आंदोलन में उनकी कार्ययोजना को मीडिया कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया जाएगा। इस अवसर पर प्रवासी बुद्धिजीवी, साहित्यकार आदि उपस्थित रहेंगे। प्रवासी भारतीयों में इंग्लैंड की एक्ट्रैस अंतरा राकेश तल्लम, नाॅटिंघम की जय वर्मा, जापान की डा.रमा शर्मा, ब्रिटेन के जितेंद्र शर्मा, यूके की चिकित्सक दम्पति डा.राजपाल सिंह व श्रीमती विजय सिंह और अमेरिका के डा. रमैया मुथयाला(ऑनलाइन) आदि सकारात्मक भारत-उदय वैश्विक आंदोलन नेशनवाइड टू वर्ल्डवाइड पर अपने नजरिए को प्रस्तुत करेंगे।
इस अवसर पर आरजेएस पीबीएच की चौथी पुस्तक अमृत काल का सकारात्मक भारत-उदय ग्रंथ 04 और न्यूज़ लेटर का लोकार्पण व वितरण किया जाएगा।
प्रवासी भारतीयों के योगदान को आरजेएस पीबीएच परिवार अपने 10- सूत्रीय कार्ययोजना में शामिल होने के लिए न्योता देंगे,ताकि प्रवासी भारतीयों की नई पीढ़ी भारतीय संस्कृति और जड़ों को मजबूत करने में और आगे बढ़ सके।
प्रवासी भारतीयों की दो पीढ़ियों का सम्मान कर जड़ों से जोड़ने का आगाज़ करेगा आरजेएस पीबीएच
RELATED ARTICLES