नई दिल्ली। राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच),नई दिल्ली के संस्थापक उदय कुमार मन्ना ने 17 जनवरी, 2025 को “अमृत काल का सकारात्मक भारत-उदय” कार्यक्रम के 311 वें एपिसोड के दौरान अपना 59वां जन्मदिन मनाया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम ने 15 जनवरी 2025 को इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (आईएनएस) हॉल में आयोजित एक सम्मेलन के माध्यम से भारतीय प्रवासियों को शामिल करने में संगठन की हालिया सफलता की समीक्षा बैठक हुई , जो आरजेएस और पीबीएच की सकारात्मक वैश्विक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में शामिल आरजेसियंस ने श्री मन्ना के जन्मदिन पर बधाईयां दी और जीवनपर्यंत सकारात्मक भारत-उदय वैश्विक आंदोलन में सहभागिता की इच्छा दोहराई।
17 जनवरी को जन्मदिन कार्यक्रम के दौरान, अशोक कुमार मलिक, मयंक माथुर,सत्येन्द्र -सुमन त्यागी, राजेंद्र सिंह कुशवाहा, स्वीटी पॉल,इशहाक खान, बिन्दा मन्ना,मयंक , आकांक्षा और सुरेंद्र सेठी जैसे वक्ताओं ने सकारात्मकता फैलाने के लिए उदय कुमार मन्ना के नेतृत्व और प्रतिबद्धता की प्रशंसा की।
आरजेएस पीबीएच के राष्ट्रीय पर्यवेक्षक दीप माथुर ने समीक्षा बैठक में बताया कि मुख्य अतिथि एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष और चांसलर डा.संदीप मारवाह और इंग्लैंड , अमेरिका और जापान से प्रमुख हस्तियां डा. जय वर्मा,डा. रमा शर्मा, तेजेन्द्र शर्मा,डा. इंद्रजीत शर्मा, डा. राजपाल सिंह, श्रीमती विजय सिंह और अंतरा राकेश तल्लम आदि शामिल हुईं। विदेशों में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए उन्हें मुख्य अतिथि डा. मारवाह ने शाॅल ओढ़कर आरजेएस पीबीएच का सर्टिफिकेट ऑफ अप्रिसिएशन, मोमेंटो ,मोतियों की माला प्रदान किया। इस अवसर पर प्रफुल्ल डी शेठ -रंजनबेन,प्रो.बिजाॅन कुमार मिश्रा, डा.हरिसिंह पाल और सुनील कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।
समीक्षा बैठक में श्री अशोक कुमार मलिक ने आरजेएस पीबीएच की 10-सूत्री कार्य योजना के बारे में कहा कि आने वाले दशक में संगठन की गतिविधियों के लिए एक रणनीतिक ढांचे के रूप में काम करेगी। मलिक ने जोर देकर कहा, “मन्ना जी ने हमें एक ऐसा रास्ता दिखाया है जिसकी आज दुनिया को जरूरत है।
उदय कुमार मन्ना ने सकारात्मक कार्यों का दस्तावेजीकरण करने और वैश्विक एकता की भावना को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमारे प्रकाशनों का उद्देश्य सकारात्मक कार्यों का दस्तावेजीकरण करके सकारात्मकता को प्रेरित करना है।” उन्होंने इस प्रयास में आरजेएस के प्रकाशनों की भूमिका पर प्रकाश डाला और 2047 तक “सकारात्मक दशक” के लिए 10-सूत्री कार्य योजना लागू हो गई है। प्रवासी भारतीयों के हिन्दी कवि सम्मेलनों को फिर से शुरू करवाने में मदद करेगा पाॅजिटिव मीडिया.
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय आरजेएस पीबीएच के प्रेरणास्रोत अपने माता-पिता 90 वर्षीय
श्री रामजग सिंह (से.नि.एसडीओ) और बयासी वर्षीया श्रीमती जनक दुलारी देवी के आशीर्वाद को दिया।
इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (आईटीपीओ) की पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक स्वीटी पाल ने यूट्यूब जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से आरजेएस के काम को बढ़ावा देने के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया और अपने कार्यक्रमों में विज्ञापनों को शामिल करने का सुझाव दिया।
सत्येंद्र – सुमन त्यागी ने कहा, “मन्ना जी सभी को एकजुट करते हैं और समाज में सकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने आगे कहा, “मन्ना जी ने हमें एक ऐसा मंच दिया है जहां पति-पत्नी दोनों भाग ले सकते हैं। हमें कहीं जाने की जरूरत नहीं है; हम अपने घर से ही जुड़ सकते हैं।”
आरजेएस के एक लंबे समय के सहयोगी इशहाक खान ने श्री मन्ना के सेवा, शक्ति और ज्ञान के गुणों की सराहना करते हुए उनकी तुलना एक ऐसे व्यक्ति से की जो अच्छाई के बिखरे हुए “सुनहरे फूलों” को इकट्ठा करता है। ये एक विद्वान, एक सामाजिक कार्यकर्ता और एक शक्तिशाली व्यक्ति का उदाहरण हैं।”
कार्यक्रम का समापन सभी आरजेएस सदस्यों से सकारात्मकता के लिए वैश्विक आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील के साथ हुआ।