एक तरफ़ संघ प्रमुख मोहन भागवत कह रहे हैं कि राम मंदिर के लिए सरकार क़ानून लाएं. वहीं दूसरी तरफ केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी कह रहे हैं कि बीजेपी राम के मुद्दे पर लोगों के साथ छल न करे. उद्धव ने दशहरे पर होने वाले पार्टी के सालाना कार्यक्रम में कहा कि वह 25 नवंबर को अयोध्या जाएंगे और वहां जाकर पीएम मोदी से कहेंगे कि वो लोगों की आस्था से न खेलें. उद्वव ने कहा कि वह वहां जाकर प्रधानमंत्री से पूछेंगे कि अब तक राम मंदिर का निर्माण क्यों नहीं किया गया.
उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि अगर राम मंदिर पर बात नहीं की गई तो ‘अच्छे दिन’ की तरह उसे भी जुमला कहना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि इस बार तो हम बस चेतावनी देने आ रहे हैं. अगर आपने कुछ नहीं किया तो हम हिंदूवादियों को एक साथ लेकर मंदिर बनाएंगे. मंदिर बनाने का अधिकार केवल आपके अकेले का नहीं है. उद्धव ने यह भी कहा कि सिर्फ़ हिंदुत्व की वजह से वो सरकार में है.
2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले मुंबई में पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि देश में ‘2014 जैसी लहर’ नहीं है. भाजपा ने 2014 में अपनी चुनावी जीत का श्रेय ‘मोदी लहर’ को दिया था. ठाकरे ने शिवसेना कार्यकर्ताओं से चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा. इसी साल हुए पार्टी के सम्मेलन में शिवसेना ने घोषणा की थी वह भविष्य में होने वाले चुनाव अकेले लड़ेगी.