Friday, September 20, 2024
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शराब पीना और नशीली दवाई खाने से होता है ब्रेन ट्यूमर का खतरा:- डा.नागेश वार्ष्णेय

आज विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस है | ब्रेन ट्यूमर का नाम सुनकर लोग डर जाते हैं लेकिन आज के समय में ब्रेन ट्यूमर से डरने की जरूरत नहीं रह गयी है क्योंकि आज इसका सफल एवं कारगर इलाज होने लगा है। इस बारे में न्यूरोसर्जन डॉ नागेश वार्ष्णेय (आशा ब्रेन एंड स्पाइन सेंटर) ने इस संबंधित कुछ बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की, पढ़िये उन्होंने क्या क्या कहा |

ब्रेन ट्यूमर क्या है?:-
ब्रेन ट्यूमर के बारे में सोचने मात्र से ही दिलो दिमाग में सिहरन सी आ जाती है। ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के अंदर या बाहर की कोशिकाओं एवं ऊतकों का असामान्य विकास है। कुछ कारणों से मस्तिक की कोशिकाएं भी अनियंत्रित तरीके से बढ़कर ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। ये ट्यूमर मस्तिष्क के अलावा स्पाइनल कॉर्ड या नर्व में भी हो सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में और महिला पुरुष दोनों को हो सकता है।

*ट्यूमर के प्रकार*
मस्तिष्क के ट्यूमर विनाइन (बिना कैंसर वाले) या मैलिग्नेंट(कैंसर वाले) हो सकते हैं।

➡️ *बिनाइन ट्यूमर*
धीरे धीरे बढ़ता है और कभी भी शरीर के दूसरे भाग में नही फैलता है। लेकिन इसका आकार बढ़ने से आस पास के ऊतकों एवं कोशिकाओं पर दबाब पड़ता है। जिससे मस्तिष्क के उस भाग का काम प्रभावित होता है। कुछ बिनाइन ट्यूमर के प्रकार- पिलोसैटिक एस्टरोसोइटोमा, मेनिंगगियोमास , पिट्यूटरी एडेनोमा,क्रेनियोफरीनगिओम, एपीडर्माइड सिस्ट्स, हेमेनगियोमा, न्यूरोफिब्रोमा आदि नाम से पुकारा जाता है।

➡️ *मेलिंगनेन्ट ट्यूमर*
ये केंसर वाले ट्यूमर होते हैं जो बहुत तेजी से व आक्रामक तरीके से बढ़ते हैं। ये मस्तिष्क के आसपास के हिस्से को भेदते हुए कई बार मस्तिष्क के दूसरे हिस्से व रीढ़ में भी फैल जाते हैं । ये ट्यूमर कई तरीके के होते हैं जैसे हाई ग्रेड एस्ट्रोसाईटोमा/ गलायोमा , एपेंडिमोमा, पीएनईटी,मेडुलेब्लास्टोमा, लिम्फोमा, जर्म सेल ट्यूमर, मेटास्टेसिस,आदि। सही समय पर सही उपचार से इनमे से कई ट्यूमर को ठीक किया जा सकता है।

*ब्रेन ट्यूमर के आम लक्षण*

ट्यूमर के बढ़ने या ट्यूमर के स्थान , आकर और प्रकार की वजह से मस्तिष्क पर दवाब के कारण निम्नलिखित लक्षण प्रकट हो सकते हैं।:-

👉🏻 उल्टी के साथ सिर दर्द
👉🏻चक्कर आना /मूर्छा/बेहोशी/मिर्गी
👉🏻शरीर के अंगों में असामान्य सनसनाहट
👉🏻 लड़खड़ाहट के साथ चलना अथवा असन्तुलन(अटेक्सिया)
👉🏻धुन्दला दिखना या दृष्टि में कमी, बोलने में कठिनाई।

*➡️ हार्मोनल प्रभाव*
👉🏻 व्यवहार में परिवर्तन
👉🏻अंगों की कमजोरी
👉🏻थकावट ,भृम, एकाग्रता में कमी।

*ब्रेन ट्यूमर की पहचान की विधियां :-*
चिकित्सक सबसे पहले विस्तृत इतिहास का पता लगाते हैं और चिकित्सकीय जांच करते हैं। ब्रेन ट्यूमर होने का संदेह होने पर सीटी स्कैन या एमआरआई स्कैन , फंक्शनल एमआरआई एंजियोग्राम, सीएसएफ परीक्षण , हार्मोनल रक्त परीक्षण, जांच की जाती है। ब्रेन ट्यूमर की सबसे अच्छी जांच कंट्रास्ट एनहांस्ड एमआरआई ब्रेन है।

*उपचार कैसे किये जाते हैं*
उपचार ट्यूमर के आकार प्रकार , मरीज की उम्र तथा मरीज की स्थिति आदि पर निर्भर करता है। आरंभिक उपचार के तहत मरीज को दबाइयाँ दी जाती हैं ताकि दौरे और बेहोशी को रोका जा सके तथा ट्यूमर के कारण मस्तिष्क पर पड़ने वाले दवाब को कम किया जा सके। आगे के उपचार के तौर पर सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, एवं कीमो थेरेपी का सहारा लिया जाता है।

➡️ *सर्जरी*
ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए अक्सर सर्जरी का सहारा लेना अनिवार्य होता है। सर्जरी के तहत ट्यूमर के अधिक से अधिक हिस्से को सुरक्षित तरीके से निकल लिया जाता है तथा नमूने को जांच (बायोप्सी) के लिए भेज दिया जाता है।

*आधुनिक तकनीक* –

*एम आर आई गाइडेड लेज़र अबलशन*

*न्यूरो नेविगेशन (कम्प्यूटर गाइडेट) सर्जरी* को फ्रेमलेस स्टेरियोटेक्टिक सर्जरी भी कहा जाता है। इसकी मदद से न्यूरोसेंजरी को सटीकता एवं सुरक्षा बढ़ जाती है। न्यूरोसर्गरी के क्षेत्र में ऐसी तकनीक मानक साबित हो रही है।

**स्टिरियोक्टिक बायोप्सी*

*रेडिएशन थेरेपी या रेडियोथेरेपी*
इस विधि में टेलीकोबाल्ट या लाइनर एक्सीलेटर मशीन से उत्पन्न एक्स रे या गामा रे का उपयोग किया जाता है। केसर वाले ट्यूमर एवं कई तरह के बिनाइन ट्यूमर में भी यह उपयोगी है।

*स्टेरियोटेक्टिक रेडियोसर्जरी (एसआरएस) एवं रेडियो थिरेपी (एसआरटी)*
रेडियोथिरेपी की विशेष तकनीकें हैं जिसकी मद्त से मस्तिष्क के सामान्य एवं महत्वपूर्ण हिस्से तक पहुचने वाली विकिरण की तीव्रता एवं मात्रा को कम कर दिया है।

*➡️कीमोथिरेपी* का उपयोग साइटोटोक्सिक दवाइयों के जरिये कुछ किस्म के ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए किया जाता है। लिंफोमा, मेडुलेब्लास्टोमा जर्म सेल ट्यूमर एवं पीएनईटीएवं कुछ तरह के गलयोमा के उपचार में उपयोगी है।

*जीन थेरेपी*
विशिष्ट प्रकार की प्रोटीन को सक्रिय करके कैंसर कोशिकाओं को मारा जाता है

*लंबी जिंदगी जी सकते हैं ब्रेन ट्यूमर के मरीज*
कई लोग भ्रांतियों एवं सही जानकारियों के अभाव में न्यूरो सर्जरी के नाम से ही डर जाते है लेकिन आज कम्प्यूटर नैविगेशनन की मदद से सर्जरी अन्यंत सुरक्षित एक कारगर हो गयी है। है। ट्यूमर अगर छोटा हो तो गामा नाइफ, साइबर नाइफ, स्टीरियोटेक्टिक, रेडियोथेरेपी जैसे कुछ गैर सर्जिकल विकल्पों का भी सहारा लिया जाता है।
कम्प्यूटर नैविगेशन आधारित सर्जरी में सर्जन मैग्नेटिक रिजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई), इंट्रो ऑपरेटिव एमआरआई. कम्प्यूटराइज्ड टोमोग्राफी (सीटी) और पोजिट्रॉम इमिशन टोमोग्राफी (पेट) स्कैन जैसी इमेजिंग टेक्नोलॉजी का सहारा लेते हुये मस्तिक का 3 डी मॉडल तैयार करते हैं। इसके जरिये सर्जन ब्रेन ट्यूमर को हटाने की सबसे सुरक्षित एवं कारगर योजना बनाते हैं। सर्जरी के दौरान कम्प्यूटर आधारित प्रणालियों की मदद से सर्जन बिल्कुल सुरक्षित एवं सही तरीके से मस्तिक के उस क्षेत्र में पहुंच सकता है उपचार की जरूरत होती है।
अगर यह सुनिश्चित हो जाये कि जो लक्षण नजर आ रहे हैं वे ब्रेन ट्यूमर के हैं तो आधुनिक तकनीकों से इलाज किया जा सकता है।

रोकने के उपाय

नींद पूरी लें
तनाव न लें
नशे से दूर रहें
नियमित व्यायाम

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