नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर रविवार से 10 दिन का डायबिटीज जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसके तहत वॉकेथन, मैराथन, जांच शिविर, सोशल मीडिया मुहिम, युवा डॉक्टरों के बीच शोध पत्रों का वितरण और अस्पतालों में व्यक्तिगत सहयोग जैसे कार्यक्रम शामिल किए गए हैं। संस्था का मकसद डायबिटीज के लक्षण और कष्ट के बारे में लोगों को जागरूक करना, शुरुआती चरण में ही इसकी पहचान कराना तथा मामलों में कमी लाना है। डायबिटीज के लक्षणों को कम करने के लिए दस दिन के दौरान एक अरब लोगों तक पहुंच बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस मुहिम में आईएमए के साथ एसोसिएशन आॅफ फिजिशियंस आॅफ इंडिया, आरएसएसडीआई, एंडोक्राइन सोसायटी और कई अन्य विशेषज्ञ संस्थाएं जुड़ी हैं। मुहिम का नेतृत्व मुंबई के डॉ. शशांक जोशी करेंगे जबकि तूतीकोरन की डॉ. आरती कन्नन इसकी संयोजक होंगी।
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जेए जयालाल ने कहा, ‘इस कोविड युग में डायबिटीज पीड़ित लोग ज्यादा असुरक्षित हो गए हैं और उन्हें कोविड का ज्यादा खतरा रहता है। हम सरकार से चाहते हैं कि डायबिटीज पीड़ित सभी लोगों का टीकाकरण प्राथमिकता स्तर पर होना चाहिए और यदि तीसरे डोज की जरूरत हो तो यह भी दिया जाना चाहिए।’
इस मौके पर आईएमए के महासचिव डॉ. जयेश एम लेले ने कहा, ‘डायबिटीज के मामले कम करने के लिए खानपान की उचित आदतें अपनाना जरूरी है। इसके लिए हम भारत सरकार के खाद्य सुरक्षा विभाग के ‘उचित खानपान रखें’ मुहिम के साथ भी जुड़े हैं। इसके तहत आईएमए प्रत्येक राज्य के प्रशिक्षकों और प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित करने के लिए एफएसएसएआई के साथ एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं ताकि वे प्रत्येक राज्य में उचित खानपान से जुड़े प्रशिक्षण और मुहिम को जारी रख सकें। इंसुलिन की खोज के 100 वर्षों बाद भी डायबिटीज पीड़ित दुनिया के लाखों लोगों को अपेक्षित देखभाल नहीं मिल पाती है। डायबिटीज पीड़ितों की स्थिति में सुधार लाने तथा परेशानियां कम करने के लिए उन्हें पर्याप्त देखभाल और सहयोग की जरूरत पड़ती है। इंसुलिन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आईएमए की प्रदेश स्तरीय और स्थानीय शाखाएं लोगों को उचित समय पर इंसुलिन थेरापी प्राप्त करने के लिए विशेष केंद्र खोलेंगी।’
डॉ. जेए जयालाल ने बताया, ‘आंकड़ों के मुताबिक 2021 में डायबिटीज से दुनिया में 67 लाख लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अब भी 537 वयस्क (20 से 79 साल की उम्र) डायबिटीज पीड़ित हैं। एक अनुमान है कि 2030 तक यह संख्या बढ़कर 64.30 करोड़ हो जाएगी और 2045 में 78.40 करोड़ हो जाएगी। भारत में 7.70 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज पीड़ित हैं और शोधकर्ताओं का अनुमान है कि यह संख्या 2045 में बढ़कर 13.40 करोड़ हो जाएगी। लिहाजा, डायबिटीज और इसके लक्षणों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आईएमए की सभी शाखाओं और आईएमए अस्पतालों के विशेष सत्र में इस पूरे सप्ताह ब्लू लाइट और ब्लू बैलून मुहिम चलाई जाएगी क्योंकि विश्व डायबिटीज दिवस का लोगो ब्लू सर्किल है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है। आईएमए एक अरब लोगों तक पहुंच बनाने का लक्ष्य रखते हुए सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगा।’