नई दिल्ली। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा सदस्य थे, लेकिन वे अंहकार से भरे हुए है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक सभा को संबोधित करते हुए जाति विशेष का नाम लेकर ओबीसी समाज का अपमान किया था। राहुल गांधी के इस बयान से देश के ओबीसी समाज में नाराजगी थी। कांग्रेस नेता ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए ओबीसी समाज का अपमान किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। इस बयान के खिलाफ सूरत स्थानीय लोगों द्वारा कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने जांच पड़ताल के बाद राहुल गांधी से पूछा कि क्या आप इस बयान पर मांफी मांगना चाहते है, लेकिन कांग्रेस नेता ने इसको नजरअंदाज करते हुए मांफी नहीं मांगी। राहुल गांधी ने अपने इस बयान से मांफी न मांग कर यह साबित कर दिया कि राहुल गाधी का अंहकार बड़ा है और समझ बहुत छोटी है। कोर्ट ने इस बयान को आपत्तिजनक मानते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई। राहुल गांधी को देश के ओबीसी समाज के लोगों से मांफी मांगनी चाहिए।
श्री पारस ने कहा कि न्यायपालिका स्वतंत्र होकर काम करती है। इसलिए कोर्ट के फैसला का सभी को सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद भी राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी अभी भी अपने अंहकार में डूबी है और लगातार ओबीसी समाज का अपमान कर रही है। श्री पारस ने कहा कि हमारी पार्टी माननीय कोर्ट के फैसले का समर्थन करती है।
केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि इससे पहले भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी केंद्र सरकार पर तथ्यों से परे और मनगढ़ंत आरोप लगाते रहे है। कांग्रेस नेता ने 2019 लोकसभा चुनाव में राफेल के नाम पर देश को भ्रमित करने की कोशिश की, जिसको लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता को फटकार लगाई थी, जिसके बाद राहुल गांधी ने सशर्त मांफी मांगी थी। श्री पारस ने कहा कि अभी कुछ दिन पूर्व भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विदेश जाकर देश का अपमान किया था। राहुल गांधी को इसके लिए देश से मांफी मांगनी चाहिए। श्री पारस ने कहा कि हमारी पार्टी रालोजपा राहुल गांधी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इसकी निंदा करती है।
राहुल गांधी पर आए कोर्ट के फैसले का रालोजपा समर्थन करती है: पशुपति कुमार पारस
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