सेरेमिक उद्योग के जाने-माने नाम सोमानी सेरेमिक्स लिमिटेड ने 27 अप्रैल 2024 को विश्व डिज़ाइन दिवस के मौके पर के आर मंगलम युनिवर्सिटी के साथ साझेदारी की। प्रोजेक्ट ‘ट्रांसफोर्मिंग ब्रोकन टाइल्स इंटु ट्रैंडसैटिंग स्टाइल’ के लिए की गई इस साझेदारी का उद्देश्य निर्माण उद्योग से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को रीसायकल करना और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देना है। इसी के मद्देनज़र खराब या टूटी टाइलों को कलात्मक पीसेज़ और मनमोहक म्युरल्स में बदला जाएगा। इस अवसर पर आर्कीटेक्चर के 20 से अधिक प्रतिभाशाली छात्रों ने टूटी हुई या खराब टाइलों को कलात्मक पीसेज़ में बदलकर अपनी कला एवं तकनीकी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया, साथ ही स्थायित्व एवं इनोवेशन के लिए अपनी प्रतिबद्धता को भी दर्शाया।
सेरेमिक्स टाइल्स में हैड ऑफ मार्केटिंग अंशुमन चक्रवर्ती ने इस साझेदारी पर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘हमें खुशी है कि भारत के भावी आर्कीटेक्ट्स रीसायक्लिंग एवं सस्टेनेबिलिटी के प्रति अपने जुनून को प्रदर्शित कर रहे हैं। सोमानी सेरेमिक्स में हम हमेशा से अपने प्रोडक्ट्स में सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देते रहे हैं, वास्तविकता तो यह है कि सोमानी में टाइल अडहेसिव का पूरा प्रोडक्शन वेस्ट टाइलों से ही किया जाता है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को निभाते हुए हमें अपने समुदायों को निर्माण कार्यों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों एवं मलबे में कमी लाने तथा इनकी रीसायक्लिंग एवं रीयूज़ (पुनः उपयोग) के लिए जागरुक बनाना होगा। हम के.आर. मंगलम युनिवर्सिटी के प्रबन्धन एवं छात्रों के प्रति आभारी हैं जिन्होंने इस पहल के लिए हमारे साथ हाथ मिलाया है और टूटी हुई टाइलों के कलात्मक पुनःउपयोग के साथ पर्यावरण संरक्षण में सहयोग प्रदान किया।’’
इस अवसर पर डॉ तान्या वर्मा, डीन ऑफ स्कूल ऑफ आर्कीटेक्चर एण्ड डिज़ाइन, के.आर. मंगलम युनिवर्सिटी ने कहा, ‘‘विश्व डिज़ाइन दिवस के मौके पर हम आर्ट इंस्टॉलेशन प्रोजेक्ट के लिए सोमानी सेरेमिक्स लिमिटेड के साथ साझेदारी कर रहे हैं। यह साझेदारी छात्रों को अपने डिज़ाइन कौशल को प्रदर्शित करने का अवसर देगी। इस टाइल आर्ट प्रोजेक्ट के माध्यम से छात्रों को स्थायी डिज़ाइन प्रथाओं का प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा, साथ ही वे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।’’
सोमानी सेरेमिक्स और के.आर. मंगलम युनिवर्सिटी के बीच यह साझेदारी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। छात्रों के द्वारा किए गए इनोवेशन का उपयोग कर यह पहल भावी पीढ़ियों को रीसायक्लिंग के बारे में जागरुक बनाएगी और उन्हें पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदार व्यवहार के लिए प्रोत्साहित करेगी।