ग्लोबल फिल्म फेस्टिबल (25 से 30 दिसंबर) का दूसरा दिन, सभी धर्मों से विश्व में प्रकाशमय की बात कही गई।
ग्लोबल नेचर फिल्म फेस्टिबल के दूसरे दिन सोनू, मां, काजू की खेती, विष का प्रकाश, बर्थ डे गिफ्ट जैसी फिल्मों की धूम रही। ग्लोबल फिल्म फेस्टिबल के दूसरे दिन खास सेमिनार का आयोजन- मैनेजिंग क्लाइमेट एंड एग्रीकल्चर ट्रांजिसन इन पार्टनरशिप विथ फार्मर एंड साइंटिस्ट विषय पर खास चर्चा हुई। खेती के मॉडल बदलने की चर्चा हुई।
नईदिल्ली ग्लोबल नेचर फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन सेमिनार से शुरुआत हुई। इस खास सेमिनार की शुरुआत करते हुए विश्व मित्र परिवार व प्रकृति परिवार के संस्थापक RJS भू त्यागी भारतीय ने कहा कि आज किसानों की आमदनी बढ़ाना एक चैलेंज है। इसके लिए हम सबकी जिम्मेवारी बनती है कि हम इस पर कार्य करें।
आज बदलते क्लाइमेंट में वैज्ञानिकों के लिए भी चैंलेज है जिसके लिए यह सेमिनार का आयोजन किया गया है। इसलिए मैनेजिंग क्लाइमेट एंड एग्रीकल्चर ट्रांजिसन इन पार्टनरशिप विथ फार्मर एंड साइंटिस्ट।जैसे महत्वपूर्ण विषय का चुनाव किया गया है।
एससी त्यागी के अगुवाई में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में परितोष त्यागी ने आईडीसी यानी इंटरनेशनल डेवलपमेंट सेंटर फाउंडेशन के उद्देश्य और कार्यक्रम की चर्चा की। परितोष त्यागी ने बताया कि बदलते मौसम में खेती को कैसे अनुकूल बनाया जाए इस पर आईडीसी कार्य कर रही है। जिसमें खास तौर किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
ग्लोबल नेचर फिल्म फेस्टिवल के इस सेमिनार को संबोधित करते हुए एनके त्यागी ने कहा कि बदलते मौसम में अब खेती को बदलने की जरूरत है। भले ही लग रहा हो कि दुध का उत्पादन बढ़ रहा है लेकिन अब यह धीरे धीरे कम हो जाएगा। इसलिए बदलते मौसम में खेती पर दृष्टिकोण भी बदलने की जरूरत है। एनके त्यागी ने कहा कि अब खेती के मॉडल बदलने की जरूरत है। तभी खेती की समस्या का समाधान निकल कर आएगा।
इस खास सेमिनार को पॉपुलेशन डायनेमिक्स, क्लाइमेट एंड एग्रीकल्चर एमेलिरेशन वाई एनोवेटिव फार्मर फ्रेंडली टेक्नोलोजी विषय पर डॉ आर सी यादव ने खास तौर पर आज किसानों को नए तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया। जिससे की उत्पादन बढ़ाया जा सके और जमीन के सेहत का भी ध्यान रखा जा सके।
इस खास सेमिनार को इंजीनियर मुकेश जैन ने अप्रोज फॉर इंक्रीज इनकम एंड रिड्यूस पॉल्यूसन विषय पर अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि आज अगर आमदनी को बढ़ाया जाए तो तय है कि लोग अपने आप प्रदूषण की ओर ध्यान देंगे। इस मौके पर डॉ एनके त्यागी ने “ट्रांजिशनिंग फोर्म एन अनसस्टेनेबल एग्रीगेटेड एग्रीकल्चल टू एन इनवारनमेंटर सेफ एंड फुड सेक्यूर इंडिया- चैलेंज एंड ऑपरचुनिटी इन एरीगेशन” सेक्टर विषय पर अपने विचार रखें। डॉ एनके त्यागी ने कहा कि आज बदलते मौसम में जहां कृषि मॉडल को बदलने की जरूरत है वहीं किसानों को प्रशिक्षण देने की जरूरत है। खासकर कब और कौन से फसल लगाए जाए।
इस खास मौके पर डॉलीवुड सिनेमा एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष राम कृष्ण देव ने कहा कि वे भी लगातार किसानों को प्रशिक्षण देने की कोशिश में रहते हैं। हमारा वैज्ञानिकों से आग्रह है कि वे हमारे गांव आए और प्रयोग के तौर पर वहां कार्य करे। ग्लोबल नेचर फिल्म फेस्टिबल के दूसरे दिन काजू की खेती वृत्त चित्र भी दिखाया गया। जिसमें किसानों के प्रशिक्षण के बाद खेती के विवरण को दिखाया गया। दूसरी फिल्म जिसकी खास चर्चा हुई वह है “विष का प्रकाश”
और इसकी थीम है विश्व में प्रकाशमय उदय हो रहा है। सभी धर्मों का विश्व में प्रकाश है। सभी धर्म गुरु एक हैं।