कोलकाता: अमित शाह ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘‘वोट बैंक की राजनीति’’ के कारण असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का विरोध किया है. उन्होंने राज्य के लोगों से तृणमूल कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया.
शाह ने कहा कि तृणमूल सरकार ने बांग्लादेश से घुसपैठ के साथ-साथ भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख बनर्जी से बांग्लादेश से घुसपैठ और एनआरसी पर अपने रूख को स्पष्ट करने के लिए भी कहा. यहां एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने अपने भाषण की शुरुआत बंगाल से टीएमसी सरकार को उखाड़ फेंकने के नारे के साथ की. उन्होंने कहा कि इसके लिए वह राज्य के सभी जिलों का दौरा करेंगे
असम के नेशनल सिटीज़न रजिस्टर यानी एनआरसी ड्रॉफ्ट के आने बाद से मचे बवाल पर अमित शाह ने कहा, ” अभी कुछ दिन पहले दिल्ली में संसद के भीतर एनआरसी पर चर्चा हो रही थी. ममता जी ने दिल्ली में एनआरसी का विरोध किया है. आखिर एनआरसी है क्या? दरअसल एनआरसी घुसपैठियों को चुन-चुन कर बाहर निकालने की प्रक्रिया है. लेकिन ममता बनर्जी नहीं चाहती कि ये घुसपैठिए जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं उन्हें निकाला जाए. क्या बंगाल ये नहीं चाहता कि ये घुसपैठिए निकाले जाएं? ममता बनर्जी बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश में रखना चाहती हैं. हम शरणार्थियों को नहीं बल्कि घुसपैठियों को निकालेंगे. कांग्रेस भी वोट बैंक की राजनीति के लिए अपना पक्ष इस पर साफ नहीं कर रही है. दोनों को बताना चाहिए कि उन्हें देश की सुरक्षा चाहिए या नहीं, क्या वे चाहते हैं कि यहां बम धमाके होते रहें. ”
देश में शरणार्थियों और उनकी नागरिकता विवाद पर अमित शाह ने कहा, ‘ टीएमसी और कांग्रेस को चुनाव से पहले ये भी बताना चाहिए कि पाकिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदू, ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता मिलनी चाहिए या नहीं?’
अपनी जीता का दावा करते हुए अमित शाह ने कहा कि ये श्यामा प्रसाद मुखर्जी , विवेकानंद और रामकृष्ण की धरती है. इस धरती पर हमारी जीत होगी. बंगाल में जब तक हमारी सरकार नहीं बनती ये बीजेपी का विजय रथ रुकने वाला नहीं है. बंगाल में अबतक हमारे 65 कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है. मैं बता देता हूं कि मारने वाले कभी हिंसा के दम पर जीत नहीं सके हैं.
उन्होंने रैली में जुटी भीड़ से कहा कि यहां सिर्फ परिवर्तन नहीं करना है बंगाल से टीएमसी को उखाड़ फेंकना है. यहां वामदल, कांग्रेस और टीएमसी को मौका मिला. उन्होंने कुछ नहीं किया. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मौका दीजिए.