NTPC के भारत निर्माण में योगदान को याद किया गया
मारवाह स्टूडियो में आयोजित ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल का आज दूसरा दिन था जिसमें श्री राकेश बिहारी जी ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए अपना संबोधन शुरू किया उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और आज मैं आपसे हिंदी में ही संवाद करूंगा।
इस कार्यक्रम में ‘खिला है जो बिजली का फुल’ DVD रिलीज की गई जिसमे राकेश बिहारी, ए.के. तिवारी, संदीप मारवाह, विवेक अग्निहोत्री, सुशील भारती, पंकज मिश्र जैसे कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे NTPC की तरफ से संदीप मारवाह को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया, ग्लोबल लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन NTPC के भारत निर्माण में योगदान को याद किया गया,
श्री ए.के. तिवारी ने बताया कि NTPC भारत में उजाला फैलाने का काम कैसे कर रही है और ग्रामीण अंधकार को दूर कर एक सामाजिक सहभागिता को कैसे आगे बढ़ा रही हैंI पंकज मिश्रा ने हिंदी दिवस पर सभी देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम अपनी मातृभाषा के लिए इतनी प्रतिबद्धता के साथ समर्पित है I ‘खिला है जो बिजली का फुल’ NTPC बुक के राइटर श्री बालचंद ने कहा कि यह बड़े ही समर्पित भाव से लिखी हुई एक पुस्तक जिसमें अंधकार को दूर करने के सकारात्मक पहलू पर बात की गयी हैI
ICMEI के प्रेसिडेंट संदीप मारवाह ने कहां कि ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल का पहला दिन गणेश चतुर्थी और दूसरा दिन हिंदी दिवस के नाम समर्पित है आज दुनिया के 160 देशों में हिंदी फिल्में दिखाई जाती है जोकि भारत के लिए बड़े ही गर्व की बात है, हिंदी हमारी मातृभाषा है जिसके शब्द हमारे हृदय की गहराइयों से निकलते हैं और जो हमारे कानों में पड़ते हैं तो हमारी अंतरात्मा को यह छू जाती हैI हिंदी भारत की नहीं बल्कि दुनिया की सबसे समृद्ध भाषा में से एक और हमें इस पर गर्व करना चाहिए। कार्यक्रम में आए हुए तमाम गणमान्य महानुभाओं को ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल मोमेंटो से सम्मानित किया गया और देश निर्माण में उनके योगदान को सराहा गयाI
ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल कार्यक्रम के दूसरे दिन का समापन सुशील भारती के संबोधन से हुआI अपने देश के निर्माण में हमारा आपका सबसे बड़ा योगदान होता है और हमें इसे सुरक्षित संरक्षित करने की जिम्मेदारी मिली है ताकि आने वाली पीढ़ियां ज्ञान से वंचित न रह सके I