मध्य प्रदेश में चुनावों की तारीख का बिगुल बजते ही सभी राजनीतिक पार्टियों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं. पार्टियों में अपने स्तर पर टिकट का जुगाड़ नहीं लगने पर दावेदार अब बाबाओं और साधु संतों का सहारा ले रहे हैं. दावेदार बाबाओं के जरिए बड़े नेताओं से खुद की सिफारिश करवा रहे हैं. कई दावेदार तो बाबाओं के साथ पार्टी मुख्यालय के चक्कर भी काट रहे हैं.
मध्य प्रदेश जबलपुर के बरगी से टिकट के लिए कांग्रेस की तारीख से दावेदारी कर रहे कृष्ण कुमार चौकसे जैसे नेता उन्हीं में से एक हैं, जो पार्टी मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं. कुछ दिनों पहले कृष्ण कुमार चौकसे महामंडेश्वर लक्ष्मणदास बालयोगी के साथ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे. उन्होंने बाबा के साथ कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी से मुलाकात की. बाबा ने कृष्ण कुमार चौकसे की टिकट के लिए सिफारिश भी की. इतना ही नहीं बाबा को आश्वासन भी मिला, साथ ही दावेदार कृष्ण कुमार चौकसे ने यहां तक कहा कि यदि उन्हें टिकट नहीं मिलता है, तो बरगी विधानसभा में कांग्रेस की हार तय है.
हालांकि, इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि बाबा या साधु संत कितना भी टिकट दिलाने का प्रयास करें, उससे कुछ होने वाला नहीं है. पार्टी सर्वे और हाईकमान ही टिकट तय करेंगे. टिकट के लिए किसी की भी सिफारिश नहीं चलेगी. वहीं दावेदारों के लिए सिफारिश करने के साथ बाबा और साधु संत भी सियासी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं. कई बाबाओं ने सियासी पार्टियों से टिकट की दावेदारी की है.
सरकार में राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का कहना है कि कांग्रेस में सिफारिश की परंपरा रही है. हालांकि चुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं. बीजेपी और कांग्रेस की जल्द ही उम्मीदवारों की सूची जारी होने वाली है. ऐसे में दावेदारों ने हर स्तर पर टिकट के लिए सिफारिश करना शुरू कर दिया है. इसीलिए टिकट के लिए हाहाकार मचा हुआ है.