अब जल्द ही नया सिम कार्ड खरीदने की पूरी प्रक्रिया बदलने वाली है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आधार को मोबाइल लिंक की व्यवस्था को अवैध करार देने के बाद टेलीकॉम कंपनियों ने एक नया प्लान बनाया है.
टेलीकॉम कंपनियों ने दूरसंचार विभाग को जो प्लान सौंपा है. उसके मुताबिक नया सिम लेने की पूरी प्रक्रिया ही बदल जाएगी. कंपनियों ने नई ई-केवाईसी प्रोसेस तैयार की है. इन्होंने आधार आधारित वेरीफिकेशन की जगह ऐप आधारित एनरोलमेंट मेथड सौंपा है.
इस मेथड के तहत दुकानदार कस्टमर का फोटो लेगा. इसके बाद दुकानदार आपके फोटो को आप जो भी पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ देंगे (सेल्फ-अटेस्टेड) के साथ इंबेड कर देगा अथवा जोड़ देगा. प्रस्तावित तंत्र के तहत कंज्यूमर एप्लिकेशन फॉर्म को फोटो और स्कैन इमेजेस के साथ इंबेड किया जाएगा. यह सारा काम डिजिटल तरीके से होगा.
आपका फोटो और पहचान पत्र लेने के बाद आपके फॉर्म पर कंपनी के नाम को वॉटरमार्क कर दिया जाएगा. इसमें कंपनी के नाम के साथ ही रिटेलर का नाम, सर्किल ( जहां ट्रांजैक्शन हुआ है.), तारीख और समय भी दर्ज होगा. इससे न आपका फोटो और ना नही आपकी तरफ से दिए गए पहचान पत्र को कहीं और यूज किया जा सकेगा.
इसके बाद ऐप वैलिडेशन करेगा. सभी जानकारी सही पाए जाने पर ऐप आपके एप्लिकेशन फॉर्म को टेलीकॉम ऑपरेटर के पास वेरीफिकेशन के लिए भेजेगा. यहां आपका एड्रेस, पहचान पत्र का वेरीफिकेशन किया जाएगा. जैसे ही वेरीफिकेशन सही निकलेगा. इसके बाद आपको दिया गया नंबर टेली-वेरीफिकेशन के लिए तैयार होगा.
आपकी जानकारी सुरक्षित रहे. इस को ध्यान में रखते हुए कस्टमर के फोटो का जियोटैग भी वेरीफाई किया जाएगा. इसके साथ ही सेल प्वाइंट की तरफ से किए गए सब्मिशन की भी जांच होगी. टेलीकॉम ऑपरेटर इसके बाद एक 5 अंकों का पिन जनरेट करेगा. यह पिन आपकी तरफ से दिए गए किसी अन्य मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा.
इसके बाद जैसे ही आप इस पिन को एंटर कर टेली-वेरीफिकेशन पूरा करेंगे या फिर टेलीकॉम कंपनी की तरफ से आए कॉल के दौरान पहचान पत्र के आखिरी 4 अंकों को वेरीफाई करेंगे, तो आपका नंबर एक्टिव हो जाएगा.
अधिकारी ने यह भी बताया कि जिन भी ग्राहकों ने आधार आधारित वेरीफिकेशन से सिम प्राप्त किया है. उनको नई केवाईसी करने के दौरान दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. टेलीकॉम सर्विस में किसी भी तरह का खलल न पड़े, इसके लिए व्यवस्था की जाएगी.