‘किसी पर अहसान करना नहीं’ अपने देश के लिए खेलना है और शायद यही बड़ा कारण है कि इंटरनेशनल क्रिकेट में दस साल बिताने के बावजूद भारतीय कप्तान विराट कोहली खुद को ‘कुछ विशिष्ट का हकदार’ नहीं मानते हैं.
विराट कोहली ने वनडे में 10,000 रन सबसे कम पारियों में पूरे करके सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ दिया .विराट का मानना है कि कुछ भी तयशुदा नहीं मानना चाहिए.
कोहली ने बीसीसीआई.टीवी से कहा, ‘मेरे लिए देश का प्रतिनिधित्व करना बहुत बड़ा सम्मान है और यहां तक कि दस साल खेलने के बाद भी मुझे ऐसा अहसास नहीं होता कि मैं किसी खास चीज का हकदार हूं. आपको तब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक रन के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.’
उन्होंने कहा, ‘कई सारे लोग हैं जो भारत की तरफ से खेलना चाहते हैं. जब आप खुद को उस स्थिति में रखते हो तो आपके अंदर भी रनों की वही भूख होनी चाहिए और चीजों को तयशुदा नहीं मानना चाहिए.
कोहली ने कहा कि यह मेरा कर्तव्य है और इसके लिए मुझे टीम में चुना गया है. यह मेरे काम का हिस्सा है. मैं किसी पर अहसान नहीं कर रहा हूं.’‘मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं. ये चीजें ज्यादा मायने नहीं रखतीं, लेकिन आप अपने करियर में दस वर्ष खेलने के बाद इस मुकाम पर पहुंचे हैं और यह मेरे लिए खास है, क्योंकि मैं इस खेल को बहुत चाहता हूं और अधिक से अधिक खेलन चाहता हूं. मेरे लिए यह सबसे महत्वपूर्ण है.’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैं खुश हूं कि मैं इतने लंबे समय तक खेलने में सफल रहा और उम्मीद है कि आगे भी खेलता रहूंगा.’