राजधानी दिल्ली का प्रदूषण बन रहा है मौत की बड़ी वजह, देश की राजधानी का बुरा हाल, क्या कर रही हैं हमारी सरकारें,
देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से लोगों का बुरा हाल है. दिल्ली के 10 इलाक़े देश के सबसे ज़्यादा प्रदूषित इलाक़ों में शामिल हैं. यहां एयर क़्वालिटी इंडेक्स 430 से लेकर 454 तक है. मंगलवार की सुबह दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाक़े में एयर क़्वालिटी इंडेक्स सबसे ज़्यादा 454 रिकॉर्ड किया गया. इसके साथ ही दिल्ली में पीएनजी यानी पाइप्ड प्राकृतिक गैस को नहीं अपनाने पर 113 उद्योगों को बंद करने का निर्देश दिया गया है. 113 में से 67 उद्योग, बवाना और नरेला उद्योग क्षेत्र में हैं. एलजी के दफ़्तर से इन उद्योगों पर कार्रवाई की जानकारी दी गई. इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से 10 साल पुरानी डीज़ल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों की लिस्ट वेबसाइट पर डालने को कहा था. साथ ही ये लिस्ट अखबारों में भी प्रकाशित करने के निर्देश दिए थे. इन गाड़ियों के सड़क पर दिखें तो उन्हें ज़ब्त करने के आदेश भी दिए गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली का प्रदूषण गंभीर, भयानक और दयनीय हो चुका है. कोर्ट ने EPCA को आपात स्थिति के लिए पहले से उपाय करने और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से शिकायतें दर्ज कराने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट बनाने को कहा है.
वहीं देश का सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद है. गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 443 रहा जबकि मंगलवार को यह 430 पर था. कानपुर दूसरे और लखनऊ तीसरे नंबर पर है. हालांकि गाजियाबाद प्रशासन ने 10 नवंबर तक सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा रखी है. सोमवार को 12 कंस्ट्रक्शन साइट्स पर जुर्माना भी लगाया है. करीब दो दर्जन से ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को बंद करवाया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएयओ) की एक रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक 2016 में भारत में पांच साल से कम उम्र के करीब एक लाख बच्चों की जहरीली हवा के प्रभाव में आने से मौत हो गई. साथ ही, इसमें बताया गया कि निम्न एवं मध्यम आय-वर्ग के देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे 2016 में हवा में मौजूद महीन कण (पीएम) से होने वाले वायु प्रदूषण के शिकार हुए.