राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण जान के लिए आफत बनी हुई है. ठंड से पहले वायु प्रदूषण का गुबार लोगों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है. यह जहरीला प्रदूषण लोगों को कई तरह की बीमारियों का शिकार बना रहा है. इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कतें हो रही हैं, लोगों की आंखें जल रही हैं. वायु प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ता है.
प्रदूषण के कहर से बचने के लिए जरूर करें इन 8 चीजों का सेवन
वायु प्रदूषण में मौजूद केमिकल टॉक्सिन और गाड़ियों से निकलने वाले धुएं की वजह से अस्थमा जैसी बीमारी होने का खतरा भी आम दिनों के मुकाबले काफी बढ़ गया है, जो लोग पहले से ही अस्थमा के शिकार हैं उनके लिए यह प्रदूषण किसी जहर से कम नहीं है.
इसमें ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी वाली एक्सरसाइज, क्रिकेट, हॉकी, साइकलिंग, मैरॉथन से परहेज करें. प्रदूषण स्तर के 200 से ज्यादा होने पर पार्क में भी दौड़ने और टहलने ना जाएं. जब प्रदूषण स्तर 300 से ज्यादा हो तो लंबी दूरी की वॉक ना करें. जब स्तर 400 के पार हो तो घर के अंदर रहें, सामान्य वॉक भी ना करें. घर के भीतर रहें. प्रदूषण स्तर 1000 पर होने पर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात होते हैं. इस स्तर पर बिल्कुल भी घर से बाहर ना निकलें, घर पर ही रहें.
वायु प्रदूषण से खांसी, ब्रॉन्काइटिस, दिल की बीमारी, त्वचा संबंधी रोग, बाल झड़ना, आंखों में जलन, नाक, कान, गला, फेफड़े में इंफेक्शन, ब्लड प्रेशर के रोगियों को ब्रेन स्ट्रोक की समस्या हो सकती है. दमा के रोगियों को अटैक पड़ सकता है.
वायु प्रदूषण से ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है,हम कुछ नुस्के बता रहे हैं, जिसे खाकर आप अपने फेफड़ों को प्रदूषण के कहर से बचा सकते हैं,..
गुड़- वायु प्रदूषण से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी और फायदेमंद है
आयरन खून में हीमोग्लोबिन का लेवल सामान्य करता है. जिस वजह से खून में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ जाता है. हर दिन गुड़ खाने से हवा में फैली प्रदूषण का सेहत पर ज्यादा असर नहीं होता है.
जैतून के तेल में विटामिन ई पाया जाता है, जो फेफड़ों की समस्या को दूर कर इनके फंकशन को बेहतर बनाता है. जैतून के तेल में पाया जाने वाला फैटी एसिड शरीर की सूजन को कम करता है. इसके आलावा ये प्रदूषण के कारण होने वाली कार्डियोवस्कुलर हार्ट डिजीज समस्या से भी सुरक्षित रखता है.