कहते है कि खुद के लिए जीना क्या जीना, जो दुसरों के लिए जीता है वहीं असली हीरों होता है।
इसी बात पर यह भी कहते है कि अपने सपने तो हर कोई पूरा करने की जद्दोजहद में जुटा होता है लेकिन दुसरों के सपनों को पूरा करने में जो अपना जीवन व्यतीत करें वहीं असली इंसान होता है। और ऐसे ही कुछ लोग हमारे समाज में उपस्थित है जो दुसरों के सपनों को पूरा के लिए हर सभंव प्रयास में जुटी हुई है। ताकि वे लोग भी अपने जीवन ऊंचाईयों की नई उड़ान भर सकें, इस दुनिया में सर उठाकर जी सकें और अपने सारे सपनों को पूरा कर जीवन को बेहद ही सुख से व्यतीत कर सकें है।
जाग्रति एनजीओं एक नई सोच संस्था और इस संस्था से जुड़े लोग गरीबों के सपनों और उनके जीवन के लिए आगे आ रहे है और उनकों जीवन को सही ढ़ंग से जीने के लिए एक आयाम बन रास्ता दिखा रहें है।
3 नवम्बर को दिल्ली के अक्षरधाम से सटे यमुना खादर के पास स्थित रैन बैसरों का गांव जहां इंसान तो रहते है लेकिन इंसानी मूलभूत आवश्वयकताएं बिल्कुल भी नहीं है। ऐसे में इन गरीबों का सहारा बनने के लिए जाग्रति एक नई सोच एनजीओं की फाउंडर मीना गिल जी और इस संस्था के सभी मेंबर्स आगे आए है।
इन लोगों के पास के खाने से लेकर पहनने तक का सही तरीके से कोई जुगाड़ नहीं है तो वहां इनके लिए मानसिक रूप से विकसित होने का बिल्कुल भी मतलब नहीं है। यहां कम से कम से 200 परिवार रह रहें है। जो अपना गुजर-बसर खेती-बाड़ी कर और पेड़-पोधों को बेचकर करते है। इन लोगों के पास रहने के लिए झोपड़ी के अलावा कोई साधन नहीं है , चाहें ठंड हो या गर्मी या फिर बरसात।
जाग्रति एनजीओं ने दिवाली के मौके पर यहां आकर रैने-बसेरों के बीच खुशियां बाटी और यहां के बच्चों के लिए एक छोटे से स्कूल खुलवायां। जहां इन बच्चों के भविष्य को संवारे जाने का काम किया जाएगा।
इसी मौके पर दिल्ली के गीता कॉलोनी के एसडीएम भी यहां आए और जाग्रति एनजीओ के साथ इस कार्य में अपना योगदान दिया साथ ही इस दिल्ली सरकार से यहां मदद पंहुचाने के लिए अपील भी की साथ ही आश्वासन दिया सरकार या स्वंय की तरफ से यहां पर वे भी हरसंभव योगदान प्रदान करेंगे। आगे कहा कि वे भी इन गरीबों के नन्हे-मुन्नें बच्चों के भविष्य बनाने में कोशिश करेंगे और उनके सपनों कों पूरा करेंगे। साथ ही एसडीएम ने जाग्रति एनजीओ द्वारा किया गया इस सफल कार्य की काफी सरहाना भी की।
वहीं जाग्रति एनजीओं की फाउंडर मीना गिल जी ने भी इस काम में पूरा सहयोग देने के लिए अपनी टीम का धन्यवाद किया और कहा कि जाग्रति बिना अपनी टीम के लिए किसी भी काम के लिए जाग नहीं सकता और ना कर सकता है। साथ ही उन्होनें आगे कहा कि मुझे इन गरीबों के बच्चों को दुनिया के साथ आगे बढ़ाना है। ये बच्चे और इनका परिवार अभी भी बहुत पिछड़ा हुआ है लेकिन जाग्रति एनजीओं द्वारा अब इन्हे प्रत्येक सुविधाएं और शिक्षा देने का बीड़ा उठाया है। दिल्ली सरकार द्वारा मदद के सवाल पर मीना गिल जी ने कहा कि अभी तक तो हमें सरकार से कोई मदद नहीं मिली है लेकिन हमारे इस सफल प्रयास को देखते हुए शायद भविष्य में इन गरीबों के लिए कुछ अच्छा कर सकें।
आपकों बता दें कि जाग्रति एक नई सोच एनजीओं की फाउंडर मीना गिल के साथ उनकी पूरी टीम के मेंबर्स किरण पाठक,रवि, आदि लोग भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहें।
दिवाली के मौके पर गरीबों के साथ ‘जाग्रति एक नई सोच’ एनजीओं ने बाँटी खुशियाँ….
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