आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के वकील ने कहा कि सरकार कीमत का खुलासा नहीं किया है .हमारी और से कुछ दस्तावेज दायर किए जो दिखाते हैं कि सरकार ने संसद से पहले दो बार कीमत का खुलासा किया था. विभिन्न आंकड़े दिए गए. सांसदों ने संसद में सवाल पूछा था. 18 मार्च 2016 रक्षा मंत्रालय द्वारा दिए गए उत्तर में आईजीए ने सितंबर 2016 को हस्ताक्षर किए. हथियार, उपकरण, सेवा और रखरखाव के साथ राफेल विमान की कीमत 670 करोड़ है.
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि फैसला लेते वक्त काफी गड़बड़ी हुई है. सरकार ने अपने दस्तावेज में कहा है कि फ्रांस-भारत में इसको लेकर बातचीत मई 2015 में शुरू हुई, जबकि अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री ने डील का ऐलान कर दिया था.
उन्होंने आरोप लगाया कि राफेल विमान खरीदते समय कई सारी कंडिशन्स को फॉलो नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि कानून मंत्रालय ने इस डील से जुड़े काफी मुद्दों पर शंका व्यक्त की थी. कानून मंत्रालय ने कहा था कि फ्रांस सरकार ने इसको लेकर कोई गारंटी नहीं दी थी. हम इतना पैसा दे रहे हैं, फिर भी वहां की सरकार कोई गारंटी नहीं दे रही है.