दिल्ली पुलिस के कमिश्नर ने 2018 को लेकर पुलिस विभाग के कामों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने काम का ब्योरा दिखाते हुए बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में जघन्य अपराधों में 11.72% की गिरावट आई है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीते साल अपराध छह प्रतिशत बढ़ गया. हालांकि पुलिस का दावा है कि गंभीर अपराध में गिरावट आई है. महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी कमी दिखाई गई है। आंकड़ों के हिसाब से दिल्ली में अपराध साल 2017 की तुलना में बीते साल 6 प्रतिशत ज्यादा हुए. साल 2017 में 223077 केस दर्ज हुए तो बीते साल 236476 मामले दर्ज किए गए. हालांकि आंकड़ों को पेश कर दावा किया गया कि जो गंभीर अपराध हैं उनमें कमी आई है।
आंकड़ों के हिसाब से दिल्ली में अपराध साल 2017 में डकैती के 36 जबकि 2018 में 23 मामले दर्ज हुए. साल 2017 में हत्या के 462 जबकि 2018 में बढ़कर 477 मामले सामने आए. हत्या की कोशिश के 2017 में 615 जबकि बीते साल 515 केस दर्ज हुए. 2017 में फिरौती के 14 जबकि 2018 में बढ़कर 19 मामले सामने आए. महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे रेप के 2107 में 2059 जबकि 2018 में मामूली कमी के साथ 2043 केस दर्ज हुए. छेड़खानी में भी मामूली कमी के साथ 2018 में 3175 केस दर्ज हुए. जबकि 2017 में ये आंकड़ा 3275 था।
इसके अलावा झपटमारी,चोरी, सेंधमारी जैसे अपराधों में भी कमी दिखाई गई. गंभीर अपराधों में करीब 12 प्रतिशत की कमी बताई गई. हालांकि इन अपराधों के पीछे की बड़ी वजह वाले अवैध हथियारों के प्रयोग में करीब साढ़े 11 प्रतिशत की कमी आई लेकिन इस बार दिल्ली में 1905 अवैध हथियार बरामद हुए जो 2017 में 1381 थे. दिल्ली पुलिस का दावा है कि उसने बीते साल 168 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार कर अपराध पर लगाम लगाने की कोशिश की है
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश किया अपना सालाना लेखा जोखा
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