आंदोलन बंद करने के लिए लगातार मिल रही धमकियाँ
आनन्द सिह रावत (उत्तराखण्ड अल्मोडा सल्ट)
3 जनवरी 2019 से 29 जनवरी 2019 से चल रहे क्रमिक अनशन का आज 29 वा दिन आंदोलन थाला मुंनडा भीता कोट रोड जोकि मुंनडा में रुकी पड़ी है, उसको आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। इन बीते 29 दिनों का जो रवैया रहा है वह ब्रिटिश कालीन रहा है, जिसमें रोड आगे ना जाने का कारण और स्पष्टीकरण विभाग के द्वारा गैर जिम्मेदाराना है। इस रोड की मांग सन 1995 से की जा रही है, पर शासन प्रशासन का जो रवैया इस रोड को पूरा करने का है, वह निंदनीय है। जिसमें कि पूर्व में विभाग के अधिकारियों द्वारा आश्वासन देकर धरना तोड़ने का काम किया जा रहा है तो दूसरी ओर सत्ता पक्ष के लोग आंदोलन से जुड़े हुए लोगों को डरा धमका कर आंदोलन को तोड़ने का दबाव बना रहे हैं।
यह रोड के आ जाने से लगभग40 ग्राम सभाएं लाभान्वित होगी। 150 गाँवों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी और लोगों के पास रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, साथ ही गांव की औरतों की जो समस्याएं हैं वह भी एक हद तक दूर हो जाएंगी। आज भी गांव के लोगो को होस्पिटल 10 कि .मि. दूर पैदल चल के जाना पडता है। रोड न होने के कारण सरकारी स्कूलों में टिचर आने को तैयार नही हैं। जिसके कारण पहाड के गाँव से पलायन बढ़ता जा रहा है। रही सरकारी सेवाओं की बात, तो वो केवल सरकरी दफ्तर और फाइलों तक ही सीमित है। बड़े ही द्रुभाग्य कि बात है कि, स्थानीय विधायक और सांसद बिते 29 दिनों में एक बार भी धरना स्थल पर नहीं आए।