दिल्ली : एकल अभियान देश में एक बड़े सामाजिक संगठन के रूप में कार्य कर रहा है संपूर्ण भारतवर्ष में एकल विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे शिक्षा के साथ-साथ संस्कार शिक्षा ग्रहण करके देश की सभ्यता,संस्कृति एकता एवं अखंडता को मजबूत करने के लिए निरंतर तैयार हो रहे हैं I एकल अभियान के अंतर्गत संचालित भारत लोक शिक्षा परिषद के द्वारा 25 जनवरी से 27 जनवरी2019 को झारखंड की राजधानी रांची में एकल विद्यालय के लिए वनयात्रा की गई। इस वनयात्रा का उद्देश्य सामाजिक, शैक्षणिक एवं दानवीर महानुभावों को एकल विद्यालय के वास्तविक चित्रण से उन्हें परिचित कराना था I
भारत लोक शिक्षा परिषद् के सहयोग से संचालित होने वाले एकल विद्यालय के दानदाता एवं दिल्ली के प्रतिष्ठित उद्योगपति, समाजसेवी एवं बुद्धिजीवी वर्ग से संबंध रखने वाले 49 लोगों की टीम दिल्ली से रांची के लिए रवाना हुई। रांची में भारत लोक शिक्षा परिषद् के ट्रस्टी नरेश कुमार, चेयरमैन जी.डी. गोयल एवम् राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकिशोर अग्रवाल जी ने एकल कंप्यूटर बस लैब को हरी झंडी दिखाकर रांची एकल वनयात्रा की औपचारिक शुरुवात की।
वनयात्रियों ने एकल ग्रामोत्थान फाउंडेशन द्वारा संचालित रामगढ़ एवम् सिखेरजी संच के एकल विद्यालय की संरचना को बहुत ही बारीकी से देखा और वहां पर एकल विद्यालय के बच्चों से बातचीत की आचार्यों से संवाद किया और साथ ही साथ एकल विद्यालय से होने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में परिवर्तन को भी जानने की कोशिश की। एकल विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की कलात्मकता और उनके प्रतिभा को देखकर वन यात्रा पर गए हुए सभी महानुभावों हृदय प्रेम भाव से भर आए।
तीन दिवसीय वनयात्रा का यह सफर अनवरत रूप से चलता रहा जिसमें लोग ग्रामीणों के प्यार से अभिभूत होकर आनंदित होते रहे दूसरे दिन का सफर गिरिडीह के बैरागी गॉंव से शुरू हुई जहां पर देश का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्रता दिवस में सभी वन यात्रियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। गणतंत्रता दिवस के अवसर पर बच्चों ने देशभक्ति गाने भी सुनाए। सभी वनयात्रियों ने उन्नत कृषि के लिए एवम् कृषि उपज को बढ़ने के लिए एकल ग्रमोत्थन फाउंडेशन द्वारा गिरिडीह में चलाए जा रहे “थ्री टायर क्रॉपिंग पैटर्न” को भी देखा। एक ही बार में एक ही समय में तीन फसलों को पैदा करने की अद्भुत कला एकल ग्रामोत्थन फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है जो कि किसानों की आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण हेतु बहुत ही लाभदायक सिद्ध होने वाला है।
एकल के लिए बड़े ही हर्ष का विषय है कि एकल अभियान के सहयोग से बना “एकल आदर्श ग्राम” आज झारखंड का ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत वर्ष के लिए एक आदर्श बन चुका है क्योंकि यह आदर्श ग्राम देश का पहला एकल नशा मुक्त गांव बन चुका है जहां पर ना तो कोई नशा का सेवन करता है और ना ही किसी रासायनिक पदार्थों द्वारा खेती की जाती है। यह ग्रामीण भारत के विकास की और एकल की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
परमाडिह से निकलकर यात्रा देवघर के दुम्मा में पहुंची जहां पर हरि सत्संग समिति द्वारा चलाए जा रहे एकल रथ को भी लोगों ने देखा और साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं भजन कथा, हरि दर्शन, सामूहिक संथाली नृत्य का खूब आनंद लियाI दुम्मा में चलाए जा रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा भारतीय सांस्कृतिक के विकास का कार्य किया जा रहा है। एकल विद्यालय के सभी के वन यात्रियों ने देवघर में बाबा बैद्यनाथ के दर्शन किए और भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया। सभी वन यात्री मनियाडीह गांव के कंप्यूटर ऑन व्हील, स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट एवं न्यूट्रीशनल गार्डन का भी आनंद लिया।
इस वनयात्रा के बाद वन यात्रियों में ऐसी भावना जागृत हुई कि उन्होंने अपने अनुभव में कहा कि अगर हमें राष्ट्र का निर्माण करना है तो निश्चित रूप से ग्रामीण एवं पिछड़े हुए समाज के बच्चों को सही दिशा में लाने के लिए एकल विद्यालय के संचालन के सहयोग को और भी बढ़ाना होगाI यह अभियान नही बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए चला जा रहा यह एक महाअभियान हैI