भारत की मजबूत विदेशनीति और अथक प्रयासों के बल पर IC 814 सहित करीब एक दर्जन से ज्यादा गुनाहों का अपराधी ‘मसूद अजहर अल्वी’ को आखिरकार संयुक्त राष्ट्र संघ ने वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है. भारत ने इस कुख्यात आतंकी को 2009 से वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए प्रयासरत् है. 2012 में जबसे मुंबई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित किया गया है और अमेरिका ने 1 करोड़ डॉलर का इनाम रखा है तबसे मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के भारत के प्रयासों में अभूतपूर्व तेजी आई है.
2009 से ही पाकिस्तान का दोस्त चीन मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तकनीकी आधार पर वीटो का इस्तेमाल करके बचा लेता था. भारत के तमाम प्रयासों और गोलबंदियों के बावजूद चीन सुरक्षा परिषद में तकनीकी वीटो करता चला आया. पठानकोट हमले के वक्त भी जब ‘जैश-ए- मोहम्मद’ का नाम आया और भारत ने पाकिस्तान के प्रतिनिधि मंडल को पठानकोट में बुलाकर सुबूत सौंपे थे तब भी यह कयास लगाए जा रहे थे कि न सिर्फ पाकिस्तान जैश पर कार्यवाई करेगा बल्कि उसके साथ चीन भी संयुक्त राष्ट्र संघ में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में रोड़ा नहीं अड़ाएगा. लेकिन हुआ इसके उलट, पाकिस्तान ने न सिर्फ, मसूद पर कोई कार्यवाई नही की बल्कि विश्व समुदाय से उसे और उसके कारमानों को छिपाया भी. यही सब ‘पाक’ ने ‘मुंबई हमलों’ के मास्टर माइंड और आतंकी संगठन ‘लश्कर- ए- तैयबा’ का संस्थापक हाफिज सईद के केस में भी किया था. इसे भारत की सहिष्णुता कहेंगे कि पाकिस्तान की बार-बार नापाक हरकतों के वाबजूद भारत ने ‘पाक’ और विश्व समुदाय को ‘पाक’ के आतंकियों की कारगुजारियों के सुबूत सौंपे तथा उसे और विश्व को आतंकियों पर कार्यवाई करने के लिये आशाभरी नजरों से देखता रहा.
14 फरवरी को जब मसूद अजहर के संगठन ‘जैश’ ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जघन्य हमले ने देश के साथ पूरे विश्व समुदाय के गुस्से का रुख ‘पाक’ की ओर मोड़ दिया. जिससे पाकिस्तान तो पूरे विश्व में अलग-थलग पड़ गया और मसूद पर बार बार तकनीकी वीटो करने वाले चीन की भी फजीहत होने का खतरा मंडराने लगा.
पुलवामा हमले के बाद भारत की गोलबंदी, साख और विदेश नीति, साथ ही पाकिस्तान के खोते भरोसे ने विश्व समुदाय को भारत के साथ ला कर खड़ा कर दिया. इस हमले का असर ये हुआ कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी जैसे देश खुल कर भारत के साथ आ गए. इस बार भारत की तरफ से संय़ुक्त राष्ट्र में फ्रांस
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव ले कर आया. चीन की बार बार वीटो करके पाक को बचाने की दशा में अमेरिका ने चीन को साफ कर दिया कि उसके समर्थन के बिना भी इस बार मसूद को काली सूची के जरिये वैश्विक आतंकी बनवाया जाएगा.
बहरहाल भारत के विदेश सचिव के चीन के दौरे के बाद वैश्विक बेइज्जती के डर से चीन झुक गया और मसूद अजहर वैश्विक आतंकी बन गया. अब सवाल उठना लाजमी है कि क्या पाकिस्तान ग्लोबल आतंकी बनने के बाद मसूद अजहर पर संपत्ति जब्त के साथ पुलिस कार्यवाई और वो सभी कार्यवाई करेगा जो वैश्विक मंच की मांग है या फिर हाफिज सईद, ओसामा बिन लादेन, अल-कायदा, तालीबान के मामले की तरह सिर्फ दिखावा करके ही स्वपोषित आतंकियो को भारत और अपने तमाम पड़ोसियों पर इस्तेमाल करता रहेगा.