मिशन ऑफ यूनिटी जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि देश और समाज को एक सूत्र में बांधने के लिए शुरू किया गया एक अभियान, जिसके लिए कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में 22 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।
अनेकता में एकता भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति रही है जिसकी बुनियाद पर आज भारत की गौरव गाथा संपूर्ण विश्व में गाई जाती है। विभिन्न धर्म, सभ्यता, संस्कृति एवं भौगोलिक विभिन्नताओं के बाबजूद आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक एवं संगठित देश है। सभी लोगों को एक साथ जोड़ कर सामाजिक समरसता को बनाते हुए समाज का निर्माण करना ही इसकी मौलिकता है।
“मिशन ऑफ यूनिटी” का उद्देश्य देश के उन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करना है जो अपनी जान की परवाह किए बिना सरहदों पर भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर जाते है। जब वह सीमा पर दुश्मनों से गोलियों में बात कर रहे होते हैं तो हम अपने घरों में चैन की नींद सो रहे होते है। यह बड़ा ही संवेदनशील एवं मार्मिक विषय है कि क्या हम उन शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित नहीं हो सकते, अगर वह हमारी रक्षा कर रहे हैं तो हमारा भी नैतिक उत्तरदायित्व है कि हमें भी उनके लिए कुछ ना कुछ करें। मिशन ऑफ यूनिटी इसी विज़न को लेकर लगातार आगे बढ़ रहा है।
मिशन ऑफ यूनिटी 30 जून 2019 को एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है जिसमें उन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी जाएगी जिन्होंने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए।
मिशन ऑफ यूनिटी के संस्थापक अतुल कुमार ने कहा कि हमारा उद्देश्य उन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना है और समाज को एक सूत्र में बांधना है ताकि सामाजिक समरसता एवं राष्ट्र निर्माण की भावना प्रत्येक नागरिक में प्रबल हो सके और देश विकास की दिशा में अग्रसर हो सकें।
वहीं मनोनीत जी ने कहा कि आप सभी 30 जून 2019 को होने वाले “मिशन ऑफ यूनिटी” कार्यक्रम में आये और हमारी इस मुहिम में साथ दे और कार्यक्रम को सफल बनाए।