क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) के प्रमुख कपिल देव ने कहा कि रवि शास्त्री का टीम इंडिया का हेड कोच बनने के पीछे विराट कोहली की पसंद का कोई लेना देना नहीं है. उम्मीद के मुताबिक दो साल के लिए फिर से मुख्य कोच चुना है. भारत में 2021 में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद उनके प्रदर्शन की फिर से समीक्षा की जाएगी.
कपिल देव से जब पूछा गया कि क्या अंतिम फैसला कप्तान की प्राथमिकता से प्रभावित रहा, तो उन्होंने कहा, ‘नहीं, क्योंकि अगर हम उनकी राय लेते तो हमें पूरी टीम की राय लेनी पड़ती. हमने उनसे नहीं पूछा क्योंकि हमारे पास यह सुविधा नहीं थी.’ सभी उम्मीदवारो में रवि शास्त्री का रिकॉर्ड शानदार था. उनके कोच रहते हुए भारतीय टीम टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक स्थान पर पहुंची और उसने 71 वर्षों में पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर हराया.
शास्त्री ने कोच पद की दौड़ में भारतीय टीम के अपने साथी रॉबिन सिंह और लालचंद राजपूत के अलावा न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन और ऑस्ट्रेलिया के टॉम मूडी को पीछे छोड़ा. वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान के पूर्व कोच फिल सिमंस निजी कारणों से कोच पद की दौड़ से हट गए थे.
शास्त्री के चयन पर गायकवाड़ ने कहा, ‘असल में वर्तमान कोच होने के कारण वह खिलाड़ियों को अच्छी तरह से समझते हैं, टीम की समस्याओं से अवगत है और जानते हैं कि इसके लिए क्या करना है.’ उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि वह पूरी प्रणाली से अच्छी तरह से परिचित है. अगर कोई व्यवस्था को समझता है, खिलाड़ियों को जानता है और अच्छी तरह से संवाद स्थापित कर सकता है तो मुझे लगता है कि वह फायदे की स्थिति में रहता है.’
शास्त्री का भारतीय टीम के साथ यह चौथा कार्यकाल होगा. वह बांग्लादेश के 2007 के दौरे के समय कुछ समय के लिए कोच बने थे. इसके बाद वह 2014 से 2016 तक टीम निदेशक और 2017 से 2019 तक मुख्य कोच रहे. वर्तमान समिति ने इससे पहले दिसंबर में डब्ल्यूवी रमन को महिला टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया था.