आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में पी चिदंबरम की सीबीआई हिरासत 3 दिन के लिए बढ़ाई गई है. अब चिदंबरम को 2 सितंबर तक सीबीआई हिरासत में ही रहना पड़ेगा. राउज एवेन्यू कोर्ट ने आज यह फैसला सुनाया. आज चिदंबरम की सीबीआई रिमांड खत्म हो रही थी और इसलिए उन्हें सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में सीबीआई ने चिदंबरम की हिरासत अवधि पांच दिन बढ़ाने की मांग की थी. जिसपर कोर्ट ने कहा कि जब 8 से 10 घंटे पूछताछ हुई है. फिर बार-बार कस्टडी बढ़ाने की मांग क्यों की जा रही है. इस पर सीबीआई ने जवाब दिया कि चिदंबरम को कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट से सामना कराना है.
पूर्व वित्त मंत्री खुद सीबीआई रिमांड में रहना चाहते हैं. चिदंबरम को लगता है कि अगर रिमांड के बाद बेल नहीं मिली तो उन्हें तिहाड़ भेजा जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट में आज चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने चिंदबरम की तरफ से कहा, “वह 2 सितंबर तक सीबीआई की कस्टडी में रहना चाहते हैं. ईडी को इससे कोई दिक्कत तो नहीं होनी चाहिए. सीबीआई के केस में आज रिमांड खत्म हो रही है.” हालांकि सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया और दलील दी कि इसका फैसला ट्रायल कोर्ट ही कर सकती है.
इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया था. 26 अगस्त को फिर से उन्हें चार दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया था.
पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम को 29 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद दिल्ली के जोर बाग स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी से पहले चिदंबरम ने कांग्रेस दफ्तर पर करीब 8 बजकर 15 मिनट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि वो कानून से भाग नहीं रहे थे बल्कि न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पी चिंदबरम अपने जोर बाग स्थित आवास पहुंचे जहां सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
कोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की तो तभी सीबीआई ने रात 11.30 बजे चिदंबरम के घर पर नोटिस लगा कर दो घंटे में पेश होने के लिए कहा. इसके बाद से ही उनका फोन ऑफ आने लगा और उनका कुछ पता नहीं चला. पी चिदंबरम और ईडी, सीबीआई के बीच रात भर लुका छुपी का खेल चलता रहा. सीबीआई ने पी चिदंबरम को चिट्ठी लिखकर दो घंटों में हाजिर होने का आदेश जारी किया था लेकिन वे सामने नहीं आए. बाद में चिदंबरम को सीबीआई ने जोरबाग स्थित उनके आवास से 21 अगस्त की रात गिरफ्तार किया था. उन्हें 22 अगस्त को अदालत में पेश किया गया और फिर उन्हें चार दिनों की सीबीआई हिरासत में सौंप दिया था.
चिदंबरम पर आरोप है कि उनके वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने में कथित अनियमितताएं बरती गई. इसको लेकर सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. यह मंजूरी 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए दी गई थी. इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 2017 में इस सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया था.