‘चंद्रयान-2’ की आज चांद पर लैंडिंग होनी थी, लेकिन लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय सतह से 2.1 किलोमीटर पहले इसरो से संपर्क टूट गया. इसके बाद इसरो केंद्र सहित पूरे देश में सन्नाटा पसर गया. हर कोई सन्न रह गया. इस दौरान पीएम मोदी भी कल रात से इसरो केंद्र मौजूद थे. संपर्क टूटने की खबर मिलने के बाद पीएम मोदी वैज्ञानिकों के बीच गए और उनका हौंसला बढ़ाया. आज सुबह 8 बजे पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया. इस दौरान इसरो प्रमुख के. सिवन भावुक हो गए.
पीएम मोदी राष्ट्र और वैज्ञानिकों को संबोधित करने के बाद इसरो केंद्र में घूमे और वहां मौजूद सभी वैज्ञानिकों से एक-एक करके मिले. इस दौरान पीएम मोदी जब इसरो केंद्र से अपनी गाड़ी की तरफ जा रहे थे, तभी इसरो प्रमुख के सिवन भावुक हो गए.इसके बाद पीएम मोदी ने उन्हें अपनी तरफ खींचकर गले लगा लिया और काफी देर तक उनकी पीठ थपथपाते रहे.इस दौरान पीएम मोदी भी भावुक नज़र आए.
इससे पहले पीएम मोदी ने ISRO चेयरमैन की पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा कि ”जो किया वो छोटा नहीं था. आपने देश, विज्ञान और मानव जाति की बहुत बड़ी सेवा की है. मैं पूरी तरह से आपके साथ हूं.” प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से कहा, ”जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं, उम्मीद की किरण बाकी है. हर पड़ाव से हम सीखते रहते हैं. देश की सेवा करने को लिए आप सब को बधाई. मैं आपके साथ हूं.”
“विक्रम” ने ‘रफ ब्रेकिंग’ और ‘फाइन ब्रेकिंग’ फेज को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया.इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं. इसरो अध्यक्ष के. सिवन इस दौरान कुछ वैज्ञानिकों से गहन चर्चा करते दिखे.विभिन्न विशेषज्ञों ने कहा कि अभी इस मिशन को असफल नहीं कहा जा सकता. लैंडर से एक बार फिर संपर्क स्थापित हो सकता है.यह भी कहा जा रहा है कि अगर लैंडर विफल भी हो जाए तब भी ‘चंद्रयान-2’ का ऑर्बिटर एकदम सामान्य है और वह चांद की लगातार परिक्रमा कर रहा है.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके भी कहा कि ”ये क्षण हौसला रखने के हैं, और हम हौसला रखेंगे. हमें उम्मीद है और अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में हम कठिन परिश्रम करना जारी रखेंगे.”