यदि आप प्रगति मैदान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में घूमने की योजना बना रहे हैं तो एक बार उत्तर प्रदेश के पवेलियन में जरूर आएं। यहां गांव की महिलाओं और कैदियों द्वारा बनाई गई लकड़ी व बांस की मदद से बनी लाइटें आपको अपनी ओर जरूर आकर्षित करेंगी। आप सोच भी नहीं सकते कि इन लोगों ने इतनी महीन कारीगरी दिखाकर इन लकड़ी के टुकड़ों को वह रूप दिया है जिसे आप जरूर खरीदकर अपने घर में रखना चाहेंगे।
टेबल लैंप से लेकर सजावट के लिए तैयार सभी लाइटिंग की चीजों को बांस और लकड़ी से बनाया गया है। इनकी कारीगरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनलोगों ने पेड़ के आकार का सजावटी लाइट तैयार किया है जो देखने में काफी मनमोहक है।इन सामानों को एलईडी लाइट बनाने वाली एक कंपनी वीएस इनर्जी तैयार करवाती है। इसमें खास बात यह है कि कंपनी इन लाइटों को ग्रामीण महिलाओं और गौतम बुध नगर स्थित जेल के कैदी बनवाती है। इसके लिए कंपनी सरकारी योजना के तहत इन्हें ट्रेनिंग देती है। ट्रेनिंग देने के बाद कारीगरों को डिजाइन बताया जाता है और इन्हें एलईडी बल्ब मुहैया करवाता जाता है।
कंपनी का मकसद लोगों को स्वाबलंबी बनाना व रोजगार देना है
पेशे से इंजीनियर व कंपनी के मालिक विवेक ने बताया कि कंपनी का मकसद गांव की महिलाओं को स्वाबलंबी बनाने का है। साथ ही उन्हें रोजगार प्रदान करना है ताकि वह गांव में रहकर कमाई कर सके और रोजगार के लिए शहरों की ओर पलायन न करें। उन्होंने बताया कि सरकारी योजना के तहत वह गौतमबुद्ध नगर स्थित जेल में भी 60 कैदियों को ट्रेनिंग दी है।
खास बात यह है कि जेल से निकले कैदी अपने इस हुनर के जरिए बिजली के सामान को बनाकर उसे अपने बाजार में बेच रहे हैं। विवेक ने बताया कि वह मूलत: गोरखपुर के रहने वाले एक किसान के बेटे हैं। इंजीनियरिंग करने के बाद छोटे-छोटे बिजली के समान बनाने लगे। 2018 में वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के बाद ग्राम लाइट योजना के तहत गांव में रहने वाली महिलाओं के समूह को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया।
विवेक के मुताबिक कंपनी का मकसद गांव में ही उपकरण को तैयार कर उनके बाजार में बेचने का है। उनका कहना है कि गांव में बने बिजली के सामान की मांग भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। कंपनी नाइजीरिया और अफगानिस्तान में ट्रेनिंग प्रोगाम करने वाली है।
RJS पाॅजिटिव मीडिया के लिए डेली डायरी दिल्ली-नोएडा की रिपोर्ट