एक ओर जहां स्मार्ट क्लास ओर डिजिटल इंडिया का बढ़ावा देते हुए भारत सरकार नयी पीढ़ी को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में नए मुकाम की ओर पहुंचाने की बात कह रही हैं वही दूसरी ओर आज भी संस्कृति , सभ्यता के झूठे शान शौकत को प्रस्तुत करने के लिए गुरुकुल शिक्षा को छात्रों पर थोपा जा रहा है |
जी हैं यह बात सामने आई हैं पटना के जे डी वोमेंस कॉलेज में जहां छात्राओं को बुर्का पहनने पर 250 रूपय का जुर्माना भरना पड़ेगा | यह एक तरह से छात्रों को संस्कृति के नाम पर उन्हें वध्य करना और उसकी आड़ में कॉलेज प्रशासन की मनमानी की जा रही है हला की दबी हुई आवाजों में छात्राएं इसका विरोध कर रही हैं कॉलेज प्रशासन ने बताया की शनिवार के अलावा सारे दिन कॉलेज के मुताबिक निर्धारित ड्रेस कोड पहन कर आना अनिवार्य है वहीं शनिवार को अपने हिसाब के कपड़े पहनने की आजादी दी गयी लेकिन शनिवार को भी पूरी तरह से बुर्के को बैन कर दिया गया है | वैसे यह कॉलेज पहले भी सुर्खियों में रहा हैं | गौरतलब हैं की जे डी कॉलेज में मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर भी 500 रूपय तक जुर्माना रखा गया हैं | जहां हम आज डिजिटल इंडिया और स्मार्ट क्लास के नए दौर में हैं जहाँ मोबाइल फोन हमारी आधारभूत ज़रूरत बन चुकी हैं वहीं छात्रों को मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर रोकना कहीं न कहीं उनके मूल अधिकारों का हनन हैं , जबकि कॉलेज प्रशासन खुद मोबाइल इस्तेमाल कर सकती हैं | यह बात तब गले से उतार सकती थी जब इस तरह के नियम स्कूल में लागू हो |
आज भारत सरकार बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ जैसे नारे देती हैं जिससे छात्रों को प्रोत्साहित किया जा सके और उन्हें समाज में समान अधिकार मिल सके लेकिन दूसरी ओर कुछ शिक्षण संस्थान में मनमाने तरह के नियम लागू कर छात्रों पर थोंप रही हैं |आज हम अपने हीं पुरानी रूढ़िवादी सोच के कारण पीछे हैं जहां पश्चिम के देशों में हम इस चीज़ से सिख ले सकते हैं हम इस बात को समझने के लिए हम बस अपने मुद्दों को देख सकते हैं जहां बिकसित देशों में भविष्य की बातों को प्राथमिकता दी जाती हैं वही दूसरी और हम आज भी अपने गड़े मुर्दे उखाड़ने में लगे हैं |जमीनी हकीकत यह हैं की बिकसित के देशों में आने वाले कल की बात करते हैं तो हम बीते हुए कल मेन हीं उलझे रहते हैं | हमारे छत्र छात्रों को रूढ़वादी सोच से अलग रख कर उन्हें प्रोतसहित करे तो हमारे देश का भविष्य कल कुछ और होगा |