नई दिल्ली: पूर्वोत्तर भारत से जुड़े विषयों पर काम करने वाली सामाजिक संस्था माय होम इंडिया के तत्वावधान
में शनिवार को कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में स्वामी विवेकानंद स्मृति कर्मयोगी पुरस्कार समारोह
का सफल आयोजन किया गया।
असम में वन संरक्षण में बहुमुल्य योगदान देने वाले और फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर
पर्यावरणविद जादव मोलाई पायेंग को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने स्वामी विवेकानंद
स्मृति कर्मयोगी पुरस्कार से सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश
जावड़ेकर, गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव व मॉय होम इंडिया के संस्थापक श्री
सुनील देवधर और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्री हिबू तमांग (IPS) उपस्थित रहे।
असम के जोरहट के निवासी श्री जादव पायेंग को फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया और पर्यावरण कार्यकर्ता के
रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपने जीवन के 30 साल पर्यावरण संरक्षण में बिताए हैं। पायेंग जी ने देश
के विकास के लिए निष्ठापूर्वक बिना किसी आकांक्षा के काम किया है।
मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए प्रकाश जावड़ेकर ने इस दौरान पायेंग जी की प्रशंसा करते कहा की
पायेंग जी का सम्मान करना उनके लिए गौरव की बात है। जावड़ेकर जी ने माय होम इंडिया द्वारा
पूर्वोत्तर के प्रति लोगों बीज जागरूकता निर्माण की भी सराहना की। वनो के संरक्षण का महत्व बताते हुए
उन्होंने लोगों से वृक्षारोपण, जल संरक्षण और बिजली की बचत करने की अपील भी की।
माय होम इंडिया के संस्थापक और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने पूर्वोत्तर भारत को लेकर देश
के अन्य क्षेत्रों में जागरूकता के अभाव को दूर करने की बात की और पूर्वोत्तर के लोगों की सम्सयाओं में
हर संभव मदद देने का संकल्प लिया। पायेंग जी की प्रशंसा करते हुए सुनील देवधर ने उन्हें एक चैतन्य,
वन निर्माता और देश के लिए काम करने वाला व्यक्ति बताया। देवधर जी ने इस दौरान पूर्वोत्तर भारत
को लेकर मोदी सरकार की नीतियों की भी प्रशंसा की.
इस प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजे जाने पर श्री जादव पायेंग ने सभी का आभार व्यक्त किया और वन
संरक्षण की अपील की।
माय होम इंडिया हर साल स्वामी विवेकानंद कर्मयोगी अवार्ड से उन व्यक्तित्वों को सम्मानित करता है
जो देश को खुद से पहले प्राथमिकता देते हैं और देश के विकास के लिए और विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत
के लिए लगन से काम करते हैं।