दिल्ली: पिछले कुछ दिनों से सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या मामले में नए नए मोड़ सामने आ रहे हैं। हर दिन कोई नई खबर देखने को मिल रही है। लेकिन जिस तरह से इस मामले के साइड इफेक्ट्स हो रहे हैं, ये तय है कि महाराष्ट्र सरकार अब बैकफुट पर आ गई है। पिछले दो दिनों में कंगना रनौत और महाराष्ट्र सरकार के सबसे अहम पहिए शिवसेना के बीच जो तकरार देखने को मिला उससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है, कि मामला गड़बड़-गड़बड़ है। पहले तो शिवसेना ने कंगना को मुंबई में आने का चैलेंज किया और इसके बाद जब कंगना 9 सितंबर को मुंबई पहुंच गई तो शिवसेना ने अपनी गुंडागर्दी दिखाते हुए मुंबई के पाली हिल्स स्तिथ कंगना के घर और दफ्तर में तोड़फोड़ मचाई। गृहमंत्रालय ने हानि की आशंका से पहले ही कंगना को वाई प्लस सुरक्षा मुहैया करवाई हुई है, लेकिन फिल्मी अंदाज में दो दिनों के अंदर घटे घटनाक्रम ने शिवसेना सरकार की पोल खोल दी है। देश भर में कंगना रनौत के फैंस में भारी गुस्सा देखने को मिल रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं कई सामाजिक संगठन और राजनैतिक पार्टियां भी कंगना के समर्थन में मैदान में कूद पड़े हैं। इस कड़ी में दिल्ली के जंतर मंतर पर भी प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन की अगुवाई राधा रानी सेवा समिति की अध्यक्ष समाजसेवी ऋचा वशिष्ठ के नेतृत्व में हुआ, जिन्हें साथ मिला आल इंडिया ह्यूमन राइट्स हरियाणा की अध्यक्ष अभिलाषा पटनायक, आल इंडिया ह्यूमन राइट्स हरियाणा की महासचिव निधि शर्मा, समाजसेवी सोनिया सिंह, समाजसेवी उषा उपाध्याय और समाजसेवी सोनिया रस्तोगी का। ऋचा वशिष्ठ का कहना था कि महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार का आतंक चरम पर है, जिस तरह से शिवसेना के खिलाफ बोलने पर पूरी शिवसेना एक अकेली महिला के पीछे हाथ धोकर पड़ गई है, उससे तो यही लग रहा है कि शिवसेना एक आत्मनिर्भर महिला से डर के मारे कांप रही है। ऋचा वशिष्ठ ने दो टूक शब्दों में कहा कि वो कंगना के साथ हर मोड़ पर खड़ी है और शिवसेना की नापाक हरकत का विरोध और बहिष्कार करती है। ऋचा वशिष्ठ के साथ मौजूद अन्य समाजसेवकों ने भी काले झंडे और पोस्टर दिखाकर एक स्वर में शिवसेना की शर्मनाक हरकतों का विरोध किया।
ऋचा वशिष्ठ ने कंगना रनौत के समर्थन में जंतर मंतर पर किया प्रदर्शन
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