दिल्ली में रजिस्टर सभी गाड़ियों के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर कोडेड फ्यूल स्टीकर लगवाना अनिवार्य किया जा चुका है. वहीं जिनकी गाड़ियों पर ये प्लेट और स्टीकर नहीं लगा मिलता है, उन पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है. इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को सुझाव दिया कि वह नियमों का उल्लंघन किए जाने पर 5,500 रुपये का जुर्माना लगाना शुरू करने से पहले लोगों को कलर कोडेड स्टीकर और हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन (नंबर) प्लेट (HRSP) हासिल करने के लिए और समय दें|
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख अनिल कुमार के जरिए दायर एक जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की. सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार को नागरिकों के बीच दहशत नहीं पैदा करनी चाहिए क्योंकि कुछ लोग स्थिति का फायदा उठा सकते हैं. न्यायाधीशों ने कहा कि वे स्टीकर की जरूरत से अनभिज्ञ हैं. हाईकोर्ट ने अतिरिक्त सरकारी वकील सत्यकाम को स्टीकरों और एचएसआरपी को प्रचारित करने के लिए दिल्ली सरकार के जरिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ आने को कहा है|
दिल्ली हाईकोर्ट ने वकील से यह जानकारी लेकर आने को भी कहा कि स्टीकर और एचएसआरपी की बिक्री ऑरिजनल इक्वीपमेंट मैन्युफैक्चर्स को आउटसोर्स करने का फैसला किसने किया था, किसने इसके लिए दर तय की और लोगों पर जुर्माना लगाना शुरू करने से पहले क्या ये स्टीकर और एचएसआरपी हासिल करने के लिए उन्हें और वक्त दिया जाएगा. साथ ही पीठ ने पूछा कि हाईकोर्ट के वाहनों पर ये स्टीकर नहीं हैं तो क्या उन पर भी जुर्माना लगाया जाएगा|
न्यायमूर्ति सिंह ने स्टीकर के बारे में अपना निजी अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें चालान अभियान के बारे में खबरों से पता चला और उन्होंने अपने दो वाहनों के लिए बड़ी ही मशक्कत से स्टीकर बुक किए क्योंकि इसकी वेबसाइट क्रैश हो रही थी. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस साल अगस्त में दिल्ली सरकार के जरिए स्टीकर और एचएसआरपी की जरूरत के बारे में विज्ञापन जारी करना आदर्श समय नहीं था| दाखिल की गई याचिका में आरोप लगाया गया है कि ऑरिजनल इक्वीपमेंट मैन्युफैक्चर्स (ओईएम) राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों के लिए अनिवार्य किए गए रंग आधारित स्टीकरों और एचएसआरपी के लिए अतिरिक्त शुल्क वसूल रहे हैं. अधिवक्ता सुनिल फर्नांडीस ने कुमार की ओर से पेश होते हुए अदालत से कहा कि दिल्ली सरकार के जरिए शुरू किया