मममता सोनी द्वारा लिखित बिखरे मोती आत्मकथात्मक उपन्यास भावों और संवेदनाओं से ओतप्रोत एक अलग भावभूमि को समेटे हुए एक संवेदनशील कहानी है। दो लोगों का करीब आना। अपनी मर्ज़ी से प्रेम विवाह और उसके बाद अपने अपने अहम के चलते अपने अपने रास्ते हो लेना कोई नई बात नहीं है। ऐसा हिंदी साहित्य की कहानियों उपन्यासों में गाहे बगाहे उदृत होता रहा है और कई बार पढ़ा भी गया है। ममता सोनी के इस उपन्यास में भी कहानी कुछ इस तरह ही शुरू होती है लेकिन बिखरे मोती की खास बात यह है कि यह तलाक के बाद संतानों के दर्द की कहानी भी है। यह कहानी पाठक को एक ऐसी यात्रा पर लेकर जाती है जहां वह स्वयं इस दर्द का हिस्सा बन जाता है। उसे अपने आसपास बहुत कुछ घटते हुए दिखता है। कोर्ट के माध्यम से बच्चों का बंटवारा, बेटी बाप के हिस्से और बेटे मां के हिस्से में। लेकिन यह बात उन मासूमों के समझ के परे थी। पिता के साए से महरूम दो बेटे और मां की ममता को छटपटाती बच्ची वक्त के साथ बड़े तो हुए लेकिन ऐसे गहरे ज़ख्मों को लेकर जो नासूर बनकर सालों सालों रिस्ते रहे। जिन पर किसी दवा ने काम नहीं किया।
यह उपन्यास उन युवाओं के लिए एक सबक हो सकता है जो जीवन की राहों पर किसी हमसफर की तलाश में हैं। उन्हें महसूस होगा की प्रेम विवाह के बाद अगर बच्चे पैदा हो जाएं तो भूलकर भी अलग होने का रास्ता ना लें। या जो भी फैसला करना हो वो संतान उत्पत्ति से पहले ही कर लें, तब वे इस तरह की भयावह परिणति से बच सकते हैं जिसे बिखरे मोती उपन्यास में ममता सोनी से समेटने की कोशिश की है।
ममता सोनी का ये पहला उपन्यास है और इस बात के लिए वे बधाई की पात्र है की उन्होंने जीवन की सच्चाई को बड़ी ही बेबाकी और ईमानदारी से पन्नों पर उतारा है। ऐसा साहस अमूमन हिंदी के साहित्यकारों में विरले ही देखने को मिलता है। जीवन के गहरे अनूभव में पगी ममता सोनी की भाषा में एक स्वत अविरल प्रवाह है, तो कहीं जीवन का दर्शन है, तो कहीं स्त्री पुरुष के प्रेम संबंधों को समझाने की कोशिश। कहीं कहीं भाषा काव्यात्मक भी हो गई है यह शायद उनके गजलगो होने का असर है।
बिखरे मोती उपन्यास का ऐसे समय में आना जब आज प्रेम संबंधों में तमाम चुनौतियां शामिल हो गई है और हम अपने आसपास प्रेम संबंधों में एक टूटन महसूस कर रहे हैं। ऐसे में बिखरे मोती उपन्यास जीवन को गहरे तल में जाकर समझने, बड़ी ग़लती को ना दोहराने और संबंधों में संतुलन बनाने का एक माध्यम हो सकता है। बिखरे मोती अमेज़न पर उपलब्ध है। जहां से यह उपन्यास ऑर्डर किया जा सकता है।
प्रकाशक: राही पब्लिकेशन
उपन्यासकार: ममता सोनी
मूल्य: 200 रुपए